Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं, अखिलेश यादव बोले-हमारा भगवान तो पीड़ीए!
By राजेंद्र कुमार | Published: January 9, 2024 05:54 PM2024-01-09T17:54:43+5:302024-01-09T17:56:45+5:30
Ram Mandir: सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी न्योता भेजा गया है.सीताराम येचुरी सहित तमाम अन्य विपक्षी नेताओं तक भी यह न्योता पहुंचा है.
Ram Mandir: देश और दुनिया की नजरें अयोध्या पर हैं. 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उक्त कार्यक्रम के लिए देश के प्रमुख नेताओं, अभिनेता, अभिनेत्री और खिलाड़ियों निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं.
सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी न्योता भेजा गया है. सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी सहित तमाम अन्य विपक्षी नेताओं तक भी यह न्योता पहुंचा है. लेकिन अभी तक समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के किसी अन्य नेता तक यह न्योता नहीं पहुंचा है.
इस लेकर अखिलेश यादव से मंगलवार को सवाल पूछा गया तो उन्होंने जब भगवान बुलाएंगे तब जाएंगे. किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान तो पीडीए है. अखिलेश के पीडीए का मतलब है पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक है. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अखिलेश का फोकस पीडीए पर ही है.
अखिलेश यादव के इस जवाब ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कन्नौज सीट से सांसद सुब्रत पाठक की बोलती बंद कर दी है. सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ना देने की सलाह ट्रस्ट के पदाधिकारियों को दी थी. पाठक ने कहा था कि जिस पार्टी की सरकार ने कारसेवकों पर गोली चलाई उस पार्टी के नेता को बुलाना उचित नहीं होगा.
सुब्रत पाठक के इस कथन का त्वरित जवाब अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिंपल यादव ने दिया था. उन्होंने सुब्रत पाठक के कथन को भाजपा की ओछी मानसिकता बताया था और कहा था कि राम राज्य की बात करने वाली भाजपा हमेशा ही लोगों के साथ भेदभाव करती है.
अगर अखिलेश या उन्हें निमंत्रण नहीं मिलता तो बाद में वह भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जाएंगी. मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव के इस कथन के बाद यह प्रकरण खत्म हो गया था, पर मंगलवार को इस संबंध में अखिलेश यादव से सवाल पूछ लिया गया.
तो अखिलेश यादव ने कहा कि अभी तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण उन्हें नहीं मिला है. उन्हे भगवान जब बुलाएंगे तब जाएंगे. इससे पहले भी अखिलेश यादव ने कहा था कि जब भगवान की मर्जी होती है तभी उनके दर्शन होते हैं, भगवान की मर्जी के बिना कोई उनके दर्शन नहीं कर सकता. क्या पता कब किसको भगवान का बुलावा आ जाए, ये कोई नहीं कह सकता.
निमंत्रण पत्र को लेकर सियासत:
फिलहाल अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र को लेकर यूपी में खूब सियासत हो रही है. राम मंदिर आंदोलन से जुड़े तमाम भाजपा नेताओं को भी अभी तक निमंत्रण पत्र नहीं मिला है. ऐसे नेताओं में अयोध्या के पूर्व सांसद विनय कटियार और वर्तमान सांसद लल्लू सिंह का नाम लिया जा रहा है.
विनय कटियार उस बजरंग दल के मुखिया रहे हैं, जिसने उनके नेतृत्व में देश भर में मंदिर आंदोलन को चलाया था. भाजपा के ये दोनों नेता अयोध्या में ही रहते हैं पर उन्हे अभी तक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने का न्योता नहीं मिला है. यूपी की चार बार सीएम रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती को भी अभी तक निमंत्रण पत्र नहीं भेजा गया है.
जबकि तमाम फिल्म अभिनेता-अभिनेत्रियों को निमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है. कहा जा रहा है कि भाजपा और संघ के नेता राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सबसे बड़ा हथियार मान रहे है और इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार देश और विदेश में करने की तैयारी में जुटे हैं.
जिसके चलते फ्रांस में आइफिल टावर तक रथयात्रा निकली जाएगी. अमेरिका के कैलिफोर्निया में कार रैली और न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर समेत कई शहरों में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की इस तैयारी को देखते हुए जिसके लेकर लखनऊ से अयोध्या तक में विपक्षी दल भाजपा नेताओं पर राम मंदिर को लेकर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं.