Ram Janmabhoomi temple in Ayodhya: 85 वर्षीय राम जन्म-भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास की तबीयत बिगड़ी?, ‘ब्रेन स्ट्रोक’ के कारण हालत गंभीर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 3, 2025 14:10 IST2025-02-03T14:08:54+5:302025-02-03T14:10:20+5:30
Ram Janmabhoomi temple in Ayodhya: छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय दास अस्थायी राम मंदिर के पुजारी थे।

Ram Janmabhoomi temple in Ayodhya
लखनऊः अयोध्या के राम जन्म-भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास (85) की ‘ब्रेन स्ट्रोक’ (मस्तिष्काघात) के कारण तबीयत बिगड़ गई और उन्हें लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। एसजीपीजीआई ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘सत्येंद्र दास जी को रविवार को भर्ती कराया गया और न्यूरोलॉजी वॉर्ड में उनका उपचार किया जा रहा है। उन्हें ‘ब्रेन स्ट्रोक’ हुआ है। मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप की समस्या है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘उनकी हालत गंभीर है, लेकिन फिलहाल वह देख-सुन पा रहे हैं।
वह चिकित्सकों की कड़ी निगरानी में हैं।’’ छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय दास अस्थायी राम मंदिर के पुजारी थे। सबसे लंबे समय तक राम मंदिर में सेवा देने वाले दास की उस समय उम्र मात्र 20 वर्ष थी और उन्हें सेवा देते हुए मुश्किल से नौ माह हुए थे। अयोध्या ही नहीं, इससे बाहर के क्षेत्र में भी उनका काफी सम्मान है।
विध्वंस के बाद भी दास मुख्य पुजारी बने रहे और जब रामलला की मूर्ति एक टैंट में स्थापित की गई, तब वह पूजा-अर्चना भी करते थे। दास, निर्वाणी अखाड़े से ताल्लुक रखते हैं। और अयोध्या तथा राम मंदिर के घटनाक्रमों के संबंध में जानकारी के लिए मीडियाकर्मी ज्यादातर उनसे ही संपर्क करते हैं।
बाबरी विध्वंस ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। राम मंदिर आंदोलन को लेकर मीडिया के सभी सवालों का दास हमेशा धैर्यपूर्वक जवाब देते थे। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, ‘‘वह एक सम्मानित शख्सियत हैं और उन लोगों में से हैं जो अयोध्या आंदोलन के इतिहास को गहराई से जानते हैं। हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’