बेंगलुरु: किसान नेता राकेश टिकैत पर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक पत्रकार सम्मेलन में स्याही फेंकी गई और उनके साथ हिंसा का प्रयास किया गया।
समाचार चैनल एनडीटी के मुताबिक टिकैत पर यह हमला बेंगलुरु के गांधी भवन में हुआ, जहां वो प्रेस को संबोधित करने वाले थे। बताया जा रहा है कि टिकैत पर कोडिहल्ली के समर्थकों ने हमला किया है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर कुर्सियां चलीं और काफी हंगामा हुआ।
बताया जा रहा है कि बेंगलुरु पुलिस घटना की जानकारी होते ही मौके पर पहुंच गई है और दोनों पक्षों के बीच शांति का प्रयास किया जा रहा है। वहीं राकेश टिकैत पर स्याही फेंकने वाले हमलावर को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया है।
हमले के बाद राकेश टिकैत ने किसी का नाम न लेते हुए कहा कि वो हमले की साजिश को समझ रहे हैं, लेकिन वो कान खोलकर सुन लें राकेश टिकैत ऐसे हमलों से डरने वाला नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें देश के किसानों को डराने के लिए, उन्हें झुकान के लिए गंदा खेल खेल रही हैं, लेकिन किसान न तो पहले डरा था और न अब डरेगा।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक साल तक दिल्ली सीमा पर संघर्ष करने वाले और फिर केंद्र को कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर करने वाले किसान नेता इस हादसे का शिकार उस समय हुए जब वो एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन पर स्पष्टीकरण देने पहुंचे थे। जिसमें आरोप लगाया गया था कि राकेश टिकैत कथिततौर पर आंदोलन के नाम पर पैसे लेते हैं।
वहीं पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राकेश टिकैत पर जिस शख्स ने स्याही फेंकी है वो कथित तौर पर किसान नेता चंद्रशेखर का समर्थक है। टिकैत पर हमले के बाद देश की लगभग सही किसान यूनियन ने एकजुटता दिखाते हुए इस हमले की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में किसान सभा के अध्यक्ष अवनीश पवार ने कहा कि राकेश टिकैत पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है और पुलिस को इस मामले में सख्ती से जांच करनीा चाहिए। वहीं किसान यूनियन के महासचिव सावित मलिक ने कहा कि किसान लाठी, कुर्सी और स्याही से डरने वाले नहीं है, किसानों पर जितान जुल्म किया जाएगा, वो उतना ही मुखर होकर अपनी बात कहेगा।