राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाए जाने को मिली सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, गुरुवार को सुनवाई
By योगेश सोमकुंवर | Published: August 2, 2021 03:01 PM2021-08-02T15:01:21+5:302021-08-02T15:13:19+5:30
दो महीने पहले भी सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के दौरान सेवानिवृति में छह महीने से कम का समय बचा होने के कारण राकेश अस्थाना के नाम को मंजूरी नहीं मिली थी. याचिका में अपील की गई है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर रद्द की जाए.
आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया हैं. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दायर याचिका पर चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सुर्यकांत की बेंच 5 अगस्त को सुनवाई करेगी.
याचिका दायर करने वाले वकील एम एल शर्मा के मुताबिक राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाया जाना सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य फैसले का जानबूझकर किया गया उल्लंघन है. ऐसे में उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ आपराधिक अवमानना का केस चलाए जाने की भी मांग की है.
Supreme Court to hear on August 5, the contempt petition filed by a lawyer, against the Prime Minister, Home Minister, and Ministry of Home Affairs challenging the appointment of Rakesh Asthana as the Delhi Police Commissioner pic.twitter.com/KA6kST3evm
— ANI (@ANI) August 2, 2021
2018 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन बताया
याचिकाकर्ता ने 2018 में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों की पुलिस प्रमुख के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकता जिनकी सेवानिवृति में छह महीने या उससे कम का समय बचा हो.
अस्थाना का कार्यकाल बढ़ा बनाया पुलिस कमिश्नर
पूर्व सीबीआई अधिकारी राकेश अस्थाना को केंद्र सरकार ने सेवानिवृति के तीन दिन पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया था. गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा था कि अस्थाना का पुलिस सेवा कार्यकाल 'जनहित' को ध्यान में रखते हुए 1 साल का बढ़ाया जा रहा है इसके साथ ही उन्हें एक साल के लिए दिल्ली पुलिस का कमिश्नर नियुक्त कर दिया गया.
दो महीने पहले भी सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के दौरान सेवानिवृति में छह महीने से कम का समय बचा होने के कारण राकेश अस्थाना के नाम को मंजूरी नहीं मिली थी.
याचिकाकर्ता का प्रधानमंत्री-गृह मंत्री पर आरोप
याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने संवैधानिक व्यवस्था के उलट काम किया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि संवैधानिक कोर्ट को यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या इन दोनों व्यक्तियों को नैतिक व कानूनी रूप से संवैधानिक पदों पर बने रहने का अधिकार है या नहीं?
याचिका में अपील की गई है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर रद्द की जाए.
दिल्ली विधानसभा ने पारित किया प्रस्ताव
इस मामले में हाल में दिल्ली विधानसभा में भी राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में कहा कि नियमों के हिसाब से पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति नहीं की गई है.