राकेश अस्थाना को जनहित में दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया : केंद्र ने उच्च न्यायालय से कहा

By भाषा | Updated: September 16, 2021 19:51 IST2021-09-16T19:51:23+5:302021-09-16T19:51:23+5:30

Rakesh Asthana appointed as Delhi Police Commissioner in public interest: Center to High Court | राकेश अस्थाना को जनहित में दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया : केंद्र ने उच्च न्यायालय से कहा

राकेश अस्थाना को जनहित में दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया : केंद्र ने उच्च न्यायालय से कहा

नयी दिल्ली, 16 सितंबर केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जनहित में दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्ति की गई है।

अस्थाना की नियुक्ति का बचाव करते हुए केंद्र ने अपने शपथपत्र में कहा है कि उसे दिल्ली के पुलिस प्रमुख के रूप में किसी ऐसे अधिकारी की नियुक्ति करने की आवश्यकता महसूस हुई जिसके पास किसी बड़े राज्य में किसी बड़े पुलिस बल का नेतृत्व करने एवं राजनीतिक एवं लोक व्यवस्था से जुड़ी समस्या से निपटने तथा किसी केंद्रीय जांच एजेंसी और अर्धसैनिक बलों में काम करने का विविध एवं व्यापक अनुभव हो।

केंद्र ने कहा कि अस्थाना का सेवा कार्यकाल भी काडर नियंत्रण प्राधिकार में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जनहित में बढ़ाया गया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव द्वारा दायर शपथपत्र में कहा गया है, ‘‘इससे संबंधित मुख्य चिंता यह थी कि देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली लोक व्यवस्था/कानून व्यवस्था से जुड़ी स्थिति/पुलिस संबंधी विभिन्न एवं अत्यंत चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करती रही है जिससे न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जटिलताएं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय/सीमा पार संबंधी जटिलताएं भी जुड़ी हैं।’’

इसमें कहा गया कि जब केंद्रशासित काडर में उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश की गई तो उपलब्ध अधिकारियों के मौजूदा पूल में आवश्यक अनुभव की कमी महसूस की गई।

अधिवक्ता अमित महाजन के माध्यम से दायर शपथपत्र में केंद्र ने कहा कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में अस्थाना की नियुक्ति में कोई त्रुटि नहीं मिल सकती और यह सभी लागू नियमों एवं विनियमों का ईमानदारी से पालन करने के बाद की गई है।

इसमें कहा गया कि केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस आयुक्तों/पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति के लिए कुछ न्यूनतम कार्यकाल बचे होने की आवश्यकता नहीं है।

शपथपत्र उस जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है जिसमें अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किए जाने और उन्हें 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से पहले अंतर-काडर प्रतिनियुक्ति एवं सेवा विस्तार दिए जाने के 27 जुलाई के गृह मंत्रालय आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया गया है।

केंद्र ने दलील दी है कि अधिवक्ता सद्रे आलम द्वारा दायर याचिका "कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग’’ है और स्पष्ट रूप से किसी व्यक्तिगत प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है।

इसने कहा कि अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की हस्तक्षेप याचिका जुर्माने के साथ खारिज किए जाने योग्य है।

केंद्र ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता और हस्तक्षेपकर्ता केवल व्यस्त निकाय हैं। जनहित का मुद्दा उठाने का दावा करनेवाले याचिकाकर्ता और विशेष रूप से हस्तक्षेपकर्ता-दोनों ने कभी भी आठ (8) पूर्व पुलिस आयुक्तों की नियुक्ति को चुनौती देने पर विचार नहीं किया, जबकि उनकी नियुक्ति भी उसी तरह हुई थी जैसा कि प्रतिवादी संख्या-2 (अस्थाना) के मामले में हुआ है।’’

याचिका में दलील दी गई है कि अस्थाना की नियुक्ति प्रकाश सिंह मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों का स्पष्ट और खुला उल्लंघन है क्योंकि अधिकारी का न्यूनतम छह महीने का कार्यकाल शेष नहीं है और दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की कोई समिति नहीं बनाई गई।

इसमें यह भी दलील दी गई है कि प्रधान न्यायाधीश, प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 24 मई, 2021 को अपनी बैठक में प्रकाश सिंह मामले में शीर्ष अदालत द्वारा तय किए गए छह महीने संबंधी नियम के आधार पर अस्थाना को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक के रूप में नियुक्त करने के केंद्र सरकार के प्रयास को विफल कर दिया था।

इसमें कहा गया है कि दिल्ली के पुलिस आयुक्त के पद पर अस्थाना की नियुक्ति को इसी सिद्धांत पर रद्द किया जाना चाहिए।

इसी तरह के निवेदन के साथ उच्चतम न्यायालय में सीपीआईएल द्वारा याचिका में आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह गुजरात काडर से अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्रशासित क्षेत्र (एजीएमयूटी) काडर में अस्थाना की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी देने वाला 27 जुलाई का अपना आदेश प्रस्तुत करे।

उच्चतम न्यायालय ने गत 25 अगस्त को उच्च न्यायालय से कहा था कि वह भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति के खिलाफ अपने समक्ष लंबित याचिका पर दो सप्ताह के भीतर फैसला करे।

यह मामला बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था लेकिन संबंधित पीठ के उपलब्ध न होने से इस मामले में अब 20 सितंबर को सुनवाई होगी।

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Web Title: Rakesh Asthana appointed as Delhi Police Commissioner in public interest: Center to High Court

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