सड़क पर खड़े हर भिखारी को मत समझिए पेशेवर, इसने ऐसा किया है काम कि लोग ठोक रहे हैं सलाम

By रामदीप मिश्रा | Published: November 15, 2018 03:57 PM2018-11-15T15:57:34+5:302018-11-15T15:59:06+5:30

राजू नामक दिव्यांग भिखारी चौक चौराहे पर रोज भीख मानता है और अपना पेट पालता है, लेकिन उसके बारे जो लोग जानते हैं वह तो सलाम करते हैं और जो नहीं जानते हैं वह उनके लिए आम भिखारी है। 

raju bagger becomes a social worker in punjab pathankot | सड़क पर खड़े हर भिखारी को मत समझिए पेशेवर, इसने ऐसा किया है काम कि लोग ठोक रहे हैं सलाम

Courtesy: Dainik Jagran

अगर आप सड़क पर घूम रहे भिखारी को देखें तो यह बिल्कुल भी मत समझिएगा कि यह उनका पेशा है। हां, कइयों के साथ ऐसा हो सकता है, लेकिन सभी एक जैसे भी नहीं होते हैं और उनमें से कुछ मजबूरन ऐसा करते हैं क्योंकि उनको अपना जीवन यापन करने के लिए और पेट पालना होता है। दरअसल, कुछ ऐसा ही मामला पंजाब के पठानकोट में चौक-चौराहे पर सामने आया है, जहां एक दिव्यांग भिखारी के बारे में लोगों को जब पता चला तो उनके होश उड़ गए। साथ ही साथ उसके साहस की भी जमकर तारीफ की जा रही है।

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, राजू नामक दिव्यांग भिखारी चौक चौराहे पर रोज भीख मानता है और अपना पेट पालता है, लेकिन उसके बारे जो लोग जानते हैं वह तो सलाम करते हैं और जो नहीं जानते हैं वह उनके लिए आम भिखारी है। 

दरअसल, मामला ऐसा है कि राजू दिनभर भीख मांगकर कई नेक काम और समाज सेवा करता है। उसने हाल ही में शहर की ढांगू रोड स्थित एक टूटी पुलिया का बनवाई है। उसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि इस पुलिया के टूट जाने के बाद लोगों को खासी परेशानी हो रही थी और उन्होंने इस संबंध में प्रशासन से भी शिकायत की थी, लेकिन उसने शिकायतकर्ताओं की एक न सुनी। इसके बाद एक दिन राजू हादसे का शिकार हो गया, जिसके बाद उसने टूटी पुलिया की मिस्त्री बुलाकर मरम्मत करवाई और आज राहगीरों के लिए रास्ता आासान हो गया। 

खबर के अनुसार, पुलिया बनवाने को लेकर राजू का कहना है कि अब कोई भी इंसान यहां घायल नहीं होगा। उसके इस नेक काम के बारे में जब लोगों को पता चला तो उन्होंने उसे सलाम ठोका है। वहीं, राजू भीख मांगकर कई बेसहारा लोगों की मदद करता है। वह भीख और दान के पैसों को इकट्ठा करके जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीनें बांटता है।

इसके अलावा राजू बचे हुए पैसों से कुछ बच्चों का जीवन भी संवार रहा है। वह उनकी फीस से लेकर कॉपी-किताब तक की व्यवस्था करता है। इन कामों को लेकर उसका मानना है कि यह सब अपने हैं और वह अपनों के लिए कर रहा है, जोकि मन को शांति देता है। 

Web Title: raju bagger becomes a social worker in punjab pathankot

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