राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मुजरिम की याचिका पर हमें करनी होगी सुनवाई

By भाषा | Updated: August 17, 2018 17:54 IST2018-08-17T17:54:04+5:302018-08-17T17:54:04+5:30

राजीव गांधी हत्याकांड: यह याचिका इस हत्याकांड की साजिश की जांच के लिये सीबीआई के नेतृत्व में गठित बहुआयामी निगरानी एजेन्सी की प्रगति के बारे में दायर की गयी है।

Rajiv Gandhi Assassination: supreme court to Hear plea in october | राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मुजरिम की याचिका पर हमें करनी होगी सुनवाई

राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मुजरिम की याचिका पर हमें करनी होगी सुनवाई

नई दिल्ली, 17 अगस्तः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के एक मुजरिम की याचिका पर वह अक्टूबर में सुनवाई करेगा। यह याचिका इस हत्याकांड की साजिश की जांच के लिये सीबीआई के नेतृत्व में गठित बहुआयामी निगरानी एजेन्सी की प्रगति के बारे में दायर की गयी है। यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ के समक्ष आया। पीठ ने कहा, ‘‘हमें इसकी सुनवाई करनी होगी।’’ 

इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इस मामले में अक्टूबर में सुनवाई की जायेगी। राजीव गांधी हत्याकांड के मुजरिमों में से उम्र कैद की सजा पाने वाले 45 वर्षीय ए जी पेरारिवलन ने बहुआयामी निगरानी एजेन्सी की जांच का काम पूरा होने तक अपनी सजा निलंबित करने का अनुरोध न्यायालय से किया था। 

हालांकि न्यायालय ने 14 मार्च को उसकी याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन उसने इस निगरानी समिति को जांच की प्रगति से अवगत कराने का निर्देश दिया था। निगरानी एजेन्सी ने शीर्ष अदालत में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जांच अभी भी जारी है और श्रीलंका सहित कई उन देशों को अनुरोध पत्र भेजे गये थे जहां कुछ ऐसे व्यक्ति रह रहे हैं जिनकी जांच की आवश्यकता है। 

इस पर न्यायालय ने निगरानी एजेन्सी को कोलंबो की जेल में बंद आरोपी निक्सन उर्फ सुरेन से पूछताछ के लिये श्रीलंका सरकार को भेजे गये अनुरोध पत्र की प्रगति की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

लोकसभा चुनाव के दौरान 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में आयोजित एक चुनाव सभा के दौरान एक आत्मघाती मानव विस्फोट में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु हो गयी थी। यह संभवत: ऐसा पहला मामला था जिसमें आत्मघाती विस्फोट में एक प्रमुख नेता की हत्या की गयी थी। इस विस्फोट में 14 अन्य व्यक्ति भी मारे गये थे। इनमें आत्मघाती विस्फोट करने वाली महिला भी शामिल थी जिसकी पहचान बाद में धनु के रूप में हुयी थी। इस हत्याकांड की व्यापक साजिश की जांच के लिये 1998 में बहुआयामी निगरानी एजेन्सी गठित की गयी थी।

न्यायमूर्ति एम सी जैन जांच आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही राजीव गांधी हत्याकांड की साजिश की जांच के लिये इस निगरानी एजेन्सी का गठन किया गया था। इस जांच एजेन्सी का मुखिया सीबीआई के एक अधिकारी को बनाया गया था और इसमें गुप्तचर ब्यूरो, रॉ, राजस्व गुप्तचर ब्यूरो और दूसरी जांच एजेन्सियों के अधिकारियों को शामिल किया गया था।

Web Title: Rajiv Gandhi Assassination: supreme court to Hear plea in october

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