नई दिल्ली, 15 जुलाई: तमिलनाडु की राजनीति गलियारों में दस्तक देने की राह पर फिल्म अभिनेता रजनीकांत एक बार फिर चर्चे में है। समय-समय पर राजनीतिक बयानों से रजनीकांत का राजनीतिक क्षेत्र में उतरना तय माना जाता रहा है। एक बार फिर उन्होंने एक बयान दिया है। इस बयान से स्पष्ट हो रहा है कि वो तमिलानाडु में किस प्रकार की राजनीति करना चहाते हैं। रजनीकांत ने मोदी सरकार के खास मुद्दों में से एक मुद्दा वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया है। चेन्नई में मौजूद रजनीकांत ने एक कार्यक्रम में कहा है कि वह वन नेशन और वन इलेक्शन का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे समय और धन दोनों की बचत होगी।
मोदी सरकार के सबसे महत्वकांक्षी मुद्दों में से एक मुद्दा वन नेशन, वन इलेक्शन का है। वन नेशन, वन इलेक्शन में पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। वहीं, रजनीकांत के इस बयान से जाहिर हो रहा है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव एक साथ कराया जाना चाहिए। वहीं, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक चाहती है कि 2021 के बाद तमिलनाडु में चुनाव हो। ताकि इस सत्र का विधानसभा कार्यकाल समाप्त हो जाए।
रजनीकांत इससे पहले कई बार अपनी कई ऐसे राजनीतिक बयान दे चुके हैं जिसके बाद तमिलनाडु की राजनीतिक सरर्गियां चरम पर पहुंच जाती है। हाल ही में उन्होंने कहा उन्होंने कहा, 'जयललिता अब नहीं रहीं, करुणानिधि बीमार हैं। तमिलनाडु को एक नेता की जरूरत है। मैं आऊंगा और इस खाली हुई जगह को भर दूंगा। इस वक्त भगवान मेरी तरफ है।'
बता दें कि रजनीकांत तमिलनाडु के कुशल राजनीतिज्ञ व पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामाचंद्रन (एमजीआर) से प्रभावित हैं औ उन्हीं की तरह शासन करना चाहते हैं। रजनीकांत ने कहा, मैं जानता हूं कि राजनैतिक सफर आसान नहीं होता। यह एक ऐसा सफर होता है जहां संघर्ष होता है। लेकिन मैं बेहद शासन दे सकता हूं, जैसा कि उन्होंने (एमजीआर) आम लोगों को दिया। मुझे विश्वास है मैं भी उनके जैसा कर सकता हूं।
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