राजस्थान: न्यूज 18 के एंकर अमन चोपड़ा के खिलाफ दो मामले दर्ज, फेक न्यूज के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप
By विशाल कुमार | Published: April 24, 2022 10:33 AM2022-04-24T10:33:13+5:302022-04-24T10:42:09+5:30
न्यूज 18 समाचार चैनल के एंकर अमन चोपड़ा द्वारा अलवर में एक मंदिर के विध्वंस पर प्रतिक्रिया देने के दो दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है जिसमें उन्होंने तर्क दिया गया था कि विध्वंस दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एक मस्जिद के आंशिक विध्वंस के बदले में की गई।
नई दिल्ली: फेक न्यूज के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में न्यूज 18 समाचार चैनल के एंकर अमन चोपड़ा के खिलाफ राजस्थान में कम से कम दो जगहों एफआईआर दर्ज किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चोपडा के खिलाफ राजस्थान के बुंदी और डुंगरपुर के बिछिवाड़ा पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज किए गए हैं। एफआईआर में समाचार चैनल प्रोड्यूसर और संपादक को भी आरोपी बनाया गया है। ये मामले फेक न्यूज के माध्यम धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए आईपीसी की धाराओं 153, 295, 295 ए, 120 बी, 124 ए, 67 के तहत दर्ज किए गए।
अमन चोपड़ा द्वारा अलवर में एक मंदिर के विध्वंस पर प्रतिक्रिया देने के दो दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है जिसमें उन्होंने तर्क दिया गया था कि विध्वंस दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एक मस्जिद के आंशिक विध्वंस के बदले में की गई।
चोपड़ा ने अपने टेलीविजन शो में बोलते हुए कहा था कि जहांगीरपुरी का बदला महादेव पर हमला कर दिया। चोपड़ा यहीं नहीं रुके और पूछा कि क्या यह सिर्फ संयोग है। दो दिन पहले जहांगीरपुरी में एक मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया और अब राजस्थान के अलवर में तीन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया।
चोपड़ा के बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजरों ने फेक न्यूज फैलाने और अपने बयान से सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी।रिपोर्टों में कहा गया है कि अलवर में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान न केवल मंदिर बल्कि लगभग 150 दुकानों और इमारतों को भी ध्वस्त कर दिया गया।
घटना के बाद कांग्रेस ने साफ किया कि राजगढ़ नगर पालिका भाजपा शासित है और यह फैसला उसके बोर्ड ने किया है और राज्य सरकार की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।
रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी ने छह अप्रैल को 86 लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया था और उन्हें समय भी दिया था। विध्वंस की कार्रवाई 17 और 18 अप्रैल को की गई थी।