राजस्थान में कोविडः महज 10 दिनों में बढ़े 10 हजार से ज्यादा नए मरीज, कोरोना पीड़ित 41298

By धीरेंद्र जैन | Updated: July 31, 2020 20:43 IST2020-07-31T20:43:38+5:302020-07-31T20:43:38+5:30

362 नये कोरोना मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 41298 हो गई है। आज सामने आए मामलों में सर्वाधिक 122 मामले कोटा में सामने आए। वहीं, सीकर में 61, बीकानेर में 42, जयपुर में 38, अजमेर में 34, झालावाड़ में 26, अलवर में 22, बांसवाड़ा में 9, झुंझुनू में 4, बारां में 2, चित्तौड़गढ़ और जालौर में 1-1 कोरोना संक्रमित मिले है।

Rajasthan jaipur Coronavirus More than 10 thousand new patients increased in just 10 days corona victims 41298 | राजस्थान में कोविडः महज 10 दिनों में बढ़े 10 हजार से ज्यादा नए मरीज, कोरोना पीड़ित 41298

अब राजस्थान में कुल 11314 मरीज ऐसे शेष रहे हैं, जिनका उपचार जारी है।

Highlightsसात लोगों की कोरोना के चलते मौत के बाद कुल मौत का आंकड़ा 674 पहुंच गया। गुरुवार को भी प्रदेश में 1174 नये मरीज सामने आए थे।राजस्थान में कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक कुल 14 लाख 73 हजार से अधिक सैंपलों की जांच की जा चुकी है।संक्रमितों में से कुल 29305 लोग इस महामारी को मात देकर पुनः स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं 674 मरीजों की कोरोना के चलते मौत भी हो चुकी है।

जयपुरः राजस्थान में जुलाई माह की शुरुआत से ही कोरोना पाॅजीटिव मामलों ने बेकाबू होना शुरू कर दिया है और आलम यह है कि महज पिछले 10 दिनों में ही प्रदेश में 10 हजार से अधिक कोरोना पीड़ितों के नये मामले सामने आ चुके हैं।

आज सामने आए 362 नये कोरोना मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 41298 हो गई है। आज सामने आए मामलों में सर्वाधिक 122 मामले कोटा में सामने आए। वहीं, सीकर में 61, बीकानेर में 42, जयपुर में 38, अजमेर में 34, झालावाड़ में 26, अलवर में 22, बांसवाड़ा में 9, झुंझुनू में 4, बारां में 2, चित्तौड़गढ़ और जालौर में 1-1 कोरोना संक्रमित मिले है। वहीं, 7 लोगों की कोरोना के चलते मौत के बाद कुल मौत का आंकड़ा 674 पहुंच गया। गुरुवार को भी प्रदेश में 1174 नये मरीज सामने आए थे।

महामारी की शुरुआत से अब तक कुल 14 लाख 73 हजार से अधिक सैंपलों की जांच की जा चुकी है

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक कुल 14 लाख 73 हजार से अधिक सैंपलों की जांच की जा चुकी है और इनकी रिपोर्ट के आधार पर अब तक कुल 41298 लोग कोरोना पॉजीटव मिले हैं।

वहीं, इन संक्रमितों में से कुल 29305 लोग इस महामारी को मात देकर पुनः स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं 674 मरीजों की कोरोना के चलते मौत भी हो चुकी है। ऐसे में अब राजस्थान में कुल 11314 मरीज ऐसे शेष रहे हैं, जिनका उपचार जारी है।

राजस्थान में कोरोना का पहला मरीज 3 मार्च को सामने आया था

राजस्थान में कोरोना का पहला मरीज 3 मार्च को सामने आया था और कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 10 हजार पहुंचने में 95 दिन लगे यानि 5 जून को मरीजों की संख्या 10 हजार के पार पहुंची थी। इसके बाद महज 30 दिनों यानि की 5 जुलाई को आंकड़ा 20 हजार के पार हो गया। अगले 15 दिनों के बाद 20 जुलाई को संक्रमितों की संख्या 30 हजार हो गई। वहीं, अब केवल 10 दिन में मरीजों की संख्या बढ़कर 40 हजार के पार पहुंच गई है। प्रदेश में एक्टिव मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक  6585 (इनमें 47 ईरान से आए)  केस मुख्यमंत्री के गृहनगर जोधपुर में हैं। वहीं प्रदेष की राजधानी जयपुर में 5295 (2 इटली के नागरिक), अलवर में 3829, पाली में 2503, भरतपुर में 2476, बीकानेर में 1983, अजमेर में 1882, कोटा में 1686, नागौर में 1381, बाड़मेर में 1343, उदयपुर में 1250, धौलपुर में 1171, जालौर में 1116, सीकर में 1036, सिरोही में 860, चूरू में 660, भीलवाड़ा में 615 और झुंझुनूं में 608 लोग अब तक कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं।

बूंदी में अब तक 122 लोग कोरोना पाॅजीटिव मिल चुके हैं

इसके अतिरिक्त, राजसमंद में 594, डूंगरपुर में 586, झालावाड़ में 544, करौली में 326, दौसा में 306, टोंक में 270, चित्तौड़गढ़ में 264, सवाई माधोपुर में 192, बांसवाड़ा में 190 जैसलमेर में 185 (इनमें 14 ईरान से आए), प्रतापगढ़ में 176, बारां में 137 और बूंदी में अब तक 122 लोग कोरोना पाॅजीटिव मिल चुके हैं। वहीं, बीएसएफ के 59 जवानों के साथ ही दूसरे राज्यों से राजस्थान आए 185 लोग भी कोरोना पॉजीटिव मिल चुके हैं।

राजस्थान में कोरोना से अब तक 674 लोगों की मौत हुई है। इनमें जयपुर में सर्वाधिक 184 की मौत हुई। इसके अलावा, जोधपुर में 80, भरतपुर में 53, अजमेर में 43, कोटा में 36, बीकानेर में 42, नागौर में 25, पाली में 30, धौलपुर में 15, अलवर में 14, बाड़मेर -उदयपुर में 12-12, सिरोही-सवाई माधोपुर में 11-11, सीकर में 8, करौली, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में 6-6, बारां, झुंझुनू और राजसमंद में 5-5, टोंक में 4, जालौर, गंगानगर और दौसा में 3-3, प्रतापगढ़, चूरू और बांसवाड़ा 2-2, हनुमानगढ़ और डूंगरपुर में 1-1 की मौत हो चुकी है। वहीं, दूसरे राज्यों के राजस्थान आए 37 मरीजों की भी कोरोना से मौत हुई है।

 कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में टोसिलीजूमेब-रेमडीसीविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगेः रघु शर्मा

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए टोसिलीजूमेब और रेमडीसीविर इंजेक्शन को प्रदेश की मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ये इंजेक्शन सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए हैं।

डॉ. शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के मैनेजमेंट में सबसे महत्वपूर्ण कोराना के कारण होनी वाली जनहानि को रोकना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा है कि प्रदेश में कोरोना के चलते किसी की भी मृत्यु ना हो। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, अजमेर, और उदयपुर की मेडिकल कॉलेजों में टोसीलीजूमाब और रेमडीसीविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है।

सीकर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर आदि जिले इंजेक्शन प्राप्त कर सकते हैं

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जयपुर मेडिकल कॉलेज से जयपुर, अलवर, दौसा, झुंझनूं, सीकर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर आदि जिले इंजेक्शन प्राप्त कर सकते हैं। इसी तरह जोधपुर मेडिकल कॉलेज से जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, पाली, सिरोही जिले, बीकानेर मेडिकल कॉलेज से बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू जिले, कोटा मेडिकल कॉलेज से कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां जिले, अजमेर मेडिकल कॉलेज से अजमेर, टोंक, नागौर, भीलवाड़ा और उदयपुर मेडिकल कॉलेज से उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिले इंजेक्शन प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में आवश्यकता के अनुसार मांग की पूर्ति आरएमएससीएल के द्वारा की जाती रहेगी।

उन्होंने बताया कि इस विशेष इंजेक्शन परिणाम सौ फीसद रहा है। इसकी कीमत करीब 40 हजार रुपए है। राज्य सरकार ने महंगा होने के बावजूद इसे सभी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। सरकार का मत है कि सभी जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय चिकित्सा विशेषज्ञ समूह के अनुसार इस इंजेक्शन का उपयोग गंभीर कोरोना मरीजों में समुचित टेस्टिंग के बाद आवश्यकता होने पर ही विशेषज्ञों के सुपरविजन में किया जाना चाहिए।

डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना को लेकर पूर्णतया सजग और सतर्क है और कोरोना को नियंत्रित करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ आमजन भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कोरोना के सभी प्रोटोकॉल की पालना करते हुए जीवन जिएंगे तो कोरोना को हराना आसान होगा।

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