राजस्थान: हाईकोर्ट ने बच्चों की मौत के मामले में लिया संज्ञान, राज्य सरकार से रिपोर्ट औप खाली पदों का मांगा रिकॉर्ड
By धीरेंद्र जैन | Updated: January 9, 2020 06:24 IST2020-01-09T06:24:06+5:302020-01-09T06:24:06+5:30
राजस्थान में गत एक माह में बीकानेर में 162, जोधपुर में 146 और कोटा में 111 बच्चों की मौत हो चुकी है।

राजस्थान: हाईकोर्ट ने बच्चों की मौत के मामले में लिया संज्ञान, राज्य सरकार से रिपोर्ट औप खाली पदों का मांगा रिकॉर्ड
2017 में बच्चों की मौत से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट से स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत का कारण पूछते हुए रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में स्वीकृत रिक्त पदों का भी रिकॉर्ड मांगा है। मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी। गत एक माह में बीकानेर में 162, जोधपुर में 146 और कोटा में 111 बच्चों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 2017 में बांसवाडा के सरकारी अस्पताल में एक महीने में 90 बच्चों की मौत के मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति एवं जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने हाल ही में सरकारी अस्पतालों में हुई बच्चों को मौत पर स्वतः संज्ञान लिया। न्यायमित्र राजवेन्द्र सारस्वत ने जनता का पक्ष रखते हुए सरकारी अस्पतालों के हालात से कोर्ट को अवगत कराया।
हाईकोर्ट ने बच्चों की मौतों में हो रही बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की और कहा - सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में डाॅक्टरों और दूसरे कर्मचारियों के पद खाली हैं। डाॅक्टरों के बिना मरीजों का इलाज किस प्रकार संभव है। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सभी तरह के कर्मचारियों के स्वीकृत रिक्त पदों का रिकाॅर्ड पेश करने का आदेश दिया और अस्पतालों के सारे रिकाॅर्ड को कंप्यूटरीकृत करने का आदेश दिया।
अदालत ने न्यायमित्र राजवेन्द्र सारस्वत और अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को प्रदेश के किन्हीं दो सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।