जोधपुर, 28 जनवरी राजस्थान उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी बाल सुधार गृहों और ‘नारी निकेतनों’ में स्मार्ट टीवी लगाये और वहां रखे गये लोगों को शिक्षित करने के लिए उन पर पहले से रिकॉर्ड शिक्षा और कौशल विकास सामग्री चलाए।
उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने एक शिकायत की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। बाद में यह शिकायत एक याचिका में बदल गई थी। इस याचिका में सरकारी आश्रय गृहों में विभिन्न सुविधाओं की कमी का आरोप लगाया गया था।
शिकायत एक युवा लड़की द्वारा की गई थी, जिसे पुलिस द्वारा बरामदगी के बाद उच्च न्यायालय ने बालिका आश्रय गृह में रखने का आदेश दिया था।
पूर्व की याचिका पर निर्णय करते हुए न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति देवेंद्र कच्छवाहा की पीठ ने सरकार को राज्य के सभी आश्रय गृहों में ‘ओपन-एयर जिम’ स्थापित करने का आदेश दिया था।
राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि उसके पूर्व के निर्देशों के अनुसार सभी आश्रय गृहों में ‘ओपन-एयर जिम’ स्थापित किये जा रहे हैं।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 25 मार्च तय की।
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