पर्यावरण से संबंधित अपराधों के सबसे अधिक मामले राजस्थान से सामने आए : कैग
By भाषा | Updated: March 7, 2020 18:07 IST2020-03-07T18:07:40+5:302020-03-07T18:07:40+5:30
कैग की रिपोर्ट शुक्रवार को विधानसभा में पेश की गई। इसमें बताया गया है कि 2014 से 2016 के बीच पर्यावरण से संबंधित सबसे अधिक अपराध राजस्थान में हुए हैं। रिपोर्ट में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (अक्टूबर 2017) के आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया गया है कि देश में 2014 से 2016 के दौरान पर्यावरण सें संबंधित अपराधों के 15,723 मामले सामने आए, जिनमें से 6,382 यानि 40.59 प्रतिशत मामले अकेले राजस्थान से सामने आए।

2014 से 2016 के बीच पर्यावरण से संबंधित सबसे अधिक अपराध राजस्थान में हुए हैं।
जयपुर: देशभर में 2014 से 2016 के बीच किये गए पर्यावरण संबंधित अपराधों में से 40.59 प्रतिशत मामले राजस्थान से सामने आए हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तथ्य के बावजूद राज्य में वन्यजीव अपराधों से निपटने के लिये राज्य स्तरीय अंतर एजेंसी समन्वय समिति और वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाइयों का गठन नहीं किया गया।
अधिकतर अपराध वन (संरक्षण) अधिनियम और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन से संबंधित हैं, जिनमें बिना सरकारी अनुमति के गैर वन्य कार्यों के लिये वनभूमि का इस्तेमाल, वन्यजीवों को पकड़ना, जहर देना या जाल में फंसाने जैसे अपराध शामिल हैं।
कैग की रिपोर्ट शुक्रवार को विधानसभा में पेश की गई। इसमें बताया गया है कि 2014 से 2016 के बीच पर्यावरण से संबंधित सबसे अधिक अपराध राजस्थान में हुए हैं। रिपोर्ट में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (अक्टूबर 2017) के आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया गया है कि देश में 2014 से 2016 के दौरान पर्यावरण सें संबंधित अपराधों के 15,723 मामले सामने आए, जिनमें से 6,382 यानि 40.59 प्रतिशत मामले अकेले राजस्थान से सामने आए।
रिपोर्ट के अनुसार, ''भारत सरकार के वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डबल्यूसीसीबी) के निर्देशों के बावजूद विभाग और पुलिस ने राज्य स्तरीय अंतर एजेंसी समन्वयन समिति और वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाइयों का गठन नहीं किया जोकि राज्य में पर्यावरण अपराधों को रोकने में विभाग की निष्क्रियता को दर्शाता है।'' भाषा जोहेब नेहा नेहा