राजस्थानः हनुमानगढ़ में 40 हजार की रिश्वत लेते सहायक अभियंता अरेस्ट, मांग रहा था 80 हजार की घूस
By धीरेंद्र जैन | Published: October 22, 2020 09:38 PM2020-10-22T21:38:02+5:302020-10-22T21:38:02+5:30
रिश्वतखोर सहायक अभियंता द्वारा परिवादी से ग्राम पंचायत में हुए काम की एम बी बुक पर साइन करने की एवज में 80 हजार रुपये की घूस की मांग की गई थी।
जयपुरः राजस्थान में हनुमानगढ़ पंचायत समिति के सहायक अभियंता को एसीबी की टीम ने 40 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। रिश्वतखोर सहायक अभियंता द्वारा परिवादी से ग्राम पंचायत में हुए काम की एम बी बुक पर साइन करने की एवज में 80 हजार रुपये की घूस की मांग की गई थी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को परिवादी पूर्व सरपंच दयाराम ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उसके कार्यकाल 30 एस.एस.डब्ल्यू पंचायत समिति में कुछ काम करवाए गए थे। जिसका कुल 80 लाख का भुगतान हुआ। जिसमें एईएन राजेंद्र शीला द्वारा एम बी बुक पर साइन करने की एवज में 1 प्रतिशत के हिसाब से 80 हजार रुपए की मांग की गई।
एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन कराया और शिकायत सही पाई गई और आरोपी सहायक अभियंता द्वारा 20 हजार की रिश्वत लिया जाना सामने आया। इसके बाद गुरुवार को रिश्वत की दूसरी किश्त के तौर पर 40 हजार रुपये लेते हुए एसीबी की टीम ने घूसखोर सहायक अभियंता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
जयपुर के कोटपूतली में नकली घी बेचते 6 गिरफ्तार
राजस्थान में त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर में चलाए जा रहे ‘शुद्ध के लिए युद्ध‘ अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गुरुवार को नकली देसी घी को असली बताकर ग्रामीणों को बेचते हुए 6 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 215 किलो से अधिक नकली घी भी जब्त किया गया है। कार्रवाई जयपुर के कोटपूतली तहसील में की गई।
पुलिस ने आरोपियों को कोटपूतली के बालाजी मार्केट के पास से गिरफ्तार किया। हिरासत में लिये गये सभी 6 आरोपी गुजरात के निवासी हैं, जो पिछले कुछ दिनों से यहां के आस-पास के गांवों में नकली घी को असली बताकर लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। पुलिस इनसे पूछताछ कर इनके अन्य साथियों को पता लगाने का प्रयास कर रही है।
गिरफ्तार आरोपियों ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया कि ये गुजरात निवासी हैं और यहां रोज 2 क्विंटल नकली घी बनाकर आस-पास के गांवों में बेचते थे। आरोपी ग्रामीणों को यह कहकर भोले-भाले ग्रामीणों को फंसाते थे कि गुजरात में पशु अधिक होने के कारण वहां घी सस्ता है। नकली घी को गाय का शुद्ध देसी घी बताकर 200 से 300 रुपए प्रति किलो के हिसाब से नकली घी बेचते थे। इति।-धीरेन्द्र जैन।