Exit Polls: सचिन पायलट को राजस्थान की कमान सौंपने का राहुल गांधी कर चुके हैं फैसला! ये हैं 5 साफ संकेत
By विकास कुमार | Published: December 7, 2018 07:32 PM2018-12-07T19:32:35+5:302018-12-07T20:14:31+5:30
Sachin pilot could be next Chief Minister of Congress in Rajasthan: राजस्थान चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों में 'मोदी तुझसे बैर नहीं और वसुंधरा तेरी खैर नहीं' के नारे को वहां की जनता अंजाम तक पहुंचाती हुई दिख रही है। सचिन पायलट युवा तुर्क के रूप में उभर सकते हैं।
राजस्थान चुनाव के एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। अधिकतर चैनलों के एग्जिट पोल में एक ही बात सामान्य है और वो है कांग्रेस को राजस्थान में प्रचंड बहुमत। चुनाव के पहले से ही लोगों ने राजस्थान में वसुंधरा राजे को सबक सिखाने की बात कही थी जिसका झलक हमें एग्जिट पोल में साफ दिख रहा है।
'मोदी तुझसे बैर नहीं और वसुंधरा तेरी खैर नहीं' के नारे को वहां की जनता अंजाम तक पहुंचाती हुई दिख रही है। अब जब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बना सकती है तो फिर ऐसे में सवाल है कि कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा? अशोक गहलोत या सचिन पायलट?
पहले एक नजर राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के एग्जिट पोल पर-
चैनल | बीजेपी | कांग्रेस | अन्य |
इंडिया टुडे+ एक्सिस माई इंडिया | 55-72 | 119-141 | 4-11 |
लोकनीति+सीएसडीएस | |||
टाइम्स नाउ-सीएनएक्स | 85 | 105 | 9 |
न्यूज नेशन | 91 | 101 | 7 |
न्यूज 24 | 75 | 109 | 9 |
रिपब्लिक टीवी+जन की बात | 93 | 91 | 15 |
पिछले कुछ समय से अगर अशोक गहलोत की राजनीति को ध्यान से देखा जाए तो इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें जयपुर से ज्यादा दिल्ली में रखना चाहता है। कर्नाटक चुनाव के बाद जिस तरह से उन्होंने कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन का डोर बाँधा था, वो उनकी संगठनात्मक क्षमता का परिचायक बन गया। अशोक गहलोत राहुल गांधी के दुलारे बन गए और हर मुश्किल समय से पार्टी को निकालने वाले संकटमोचक भी।
अगर इसी समय देखे तो राज्यों में कांग्रेस का युवा नेतृत्व बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट कांग्रेस की नई पीढ़ी के नेता के रूप में तेजी से उभर रहे हैं। राजस्थान चुनाव में बागडोर सचिन पायलट ने ही संभाली और ऐसा कहा जाता है कि टिकट बंटवारे में भी उनके पसंदीदा उम्मीदवारों को तरजीह दिया गया।
सचिन पायलट गुर्जर समुदाय से आते हैं, जो राजस्थान की राजनीति की दृष्टि से एक मजबूत समुदाय माना जाता है। अभी तक इस समुदाय से कोई भी व्यक्ति राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं रहा है। इसलिए हो सकता है कि कांग्रेस गुर्जरों को खुश करने के लिए भी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना सकती है।
सचिन पायलट युवा हैं। कार्यकर्ताओं के बीच उनकी लोकप्रियता भी उनके पक्ष में जा सकती है। चुनाव के दौरान उनकी रैलियों में उनके समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की तरह ही प्रचारित किया। उसी अंदाज में उनका स्वागत किया। सचिन पायलट के समर्थकों में युवाओं की बड़ी संख्या है जिसके कारण भी माहौल उनके पक्ष में बनना लाजिमी है।
खैर, 2019 का लोकसभा चुनाव भी नजदीक हैं। ऐसे में राहुल गांधी को एक अनुभवी चेहरे की जरुरत होगी जो उनका मार्गदर्शन भी कर सके और विपक्ष की और पार्टियों से गठबंधन का समीकरण भी बैठा सके। अशोक गहलोत अनुभवी भी हैं और समीकरण बैठाने के मास्टर भी हैं। ऐसे में राहुल गांधी उन्हें केंद्र की राजनीति में रिटेन कर सकते हैं। सचिन पायलट जैसे युवा को मौका देकर राज्य में नेतृत्व स्तर पर नई जान फूंकने की कोशिश भी करेंगे।