राजस्थान चुनाव: जयपुर की सांगानेर सीट बनी 'हाॅट सीट', इन चार नेताओं के बीच होगी कांटे की टक्कर

By अनुभा जैन | Published: November 20, 2018 06:29 PM2018-11-20T18:29:58+5:302018-11-20T18:29:58+5:30

परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर इस बार भाजपा का पुराना चेहरा यानी पार्टी से असंतुष्ट हो खुद भारत वाहिनी पार्टी की स्थापना करने वाले पार्टी अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।

Rajasthan elections: Sanganer seat in Jaipur fight between these 4 leaders bjp and congress | राजस्थान चुनाव: जयपुर की सांगानेर सीट बनी 'हाॅट सीट', इन चार नेताओं के बीच होगी कांटे की टक्कर

राजस्थान चुनाव: जयपुर की सांगानेर सीट बनी 'हाॅट सीट', इन चार नेताओं के बीच होगी कांटे की टक्कर

राजस्थान में चुनावी माहौल में जयपुर की सांगानेर एक बहुचर्चित सीट बन गयी है। इस सीट का गठन साल 1977 में हुआ। सांगानेर विधानसभा सीट जयपुर जिले की 19 सीट में से सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जा रही है। भाजपा से हाल ही में अलग हो बगावत करने वाले ज्ञानदेव आहूजा ने सांगानेर सीट से ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडने की घोषणा की है।

परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर इस बार भाजपा का पुराना चेहरा यानी पार्टी से असंतुष्ट हो खुद भारत वाहिनी पार्टी की स्थापना करने वाले पार्टी अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं। पिछले चुनाव में भाजपा की ओर से रिकोर्ड 65 हज़ार 350 हज़ार वोट के बड़े अंतर से जीतने वाले घनश्याम तिवाड़ी भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में तिवाडी ने भाजपा को प्रदेश में सबसे बड़े अंतर से सीट जिताई। जहां तिवाड़ी को 1 लाख 12 हज़ार 465 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के संजय बाफना 45 हज़ार 115 वोट पर ही सिमट गए और जीत का अंतर 65 हज़ार 350 वोट का रहा।

अभी की ताजा स्थिति में कांग्रेस से पुष्पेन्द्र भारद्वाज भी शामिल है। इस त्रिकोणीय मुकाबले ने चतुष्कोणीय मुकाबले का रूप तब लिया जब भाजपा ने सांगानेर सीट से ही जयपुर मेयर अषोक लाहौटी को उम्मीदवार बना चुनावी रण में उतार दिया। 

करीब तीन लाख एक हजार मतदाताओं वाला इस क्षेत्र में 35 हजार से अधिक सिंधी, पंजाबी, सैन, गुर्जर का आधिपत्य है। वहीं 72 हजार ब्राहम्ण वोटर, 38 हजार वैष्य समाज के लोग और 48 हजार के करीब एससी-एसटी वोटर व 23 हजार मुस्लिम वोटर हैं। आहूजा सिंधी समाज से जुडे हैं और हिन्दुत्व पर सारा ध्यान जुटाये हैं। ऐसे में आहूजा एक कडी चुनौती के रूप में तिवाडी और लाहौटी के समक्ष खडे हैं। वहीं इन ब्राहम्ण वोटरों पर तिवाडी और भारद्वाज की नजर है। 
सांगानेर के राजनैतिक इतिहास पर अगर नजर डालें तो सबसे पहले जनता पार्टी के विधायक के रुप में विद्या पाठक को यहां के लोगों ने चुना। उसके बाद भाजपा का गठन हुआ तो, विद्या पाठक भाजपा में शामिल हो गई। विद्या पाठक ने यहां से वर्ष 1990 तक लगातार पांच चुनाव जीते। साल 1993 और 1998 के दो चुनाव कांग्रेस की इंदिरा मायाराम के नाम भी रहे। लेकिन, पिछले 3 चुनाव से लगातार सांगानेर सीट पर भाजपा मजबूती से काबिज है। मौजूदा समय में यहां से घनश्याम तिवाड़ी विधायक हैं।

बीते तीन विधानसभा चुनावों के नतीजे

साल 2003
बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी - 87357 वोट।
कांग्रेस की इन्दिरा मायाराम को 54332 वोट मिले।

साल 2008
बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी - 75729 वोट। 
कांग्रेस के पं। सुरेश मिश्रा - 42817 वोट।

साल 2013
बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी - 112465 वोट। 
कांग्रेस के पं. सुरेश मिश्रा - 47115 वोट।

Web Title: Rajasthan elections: Sanganer seat in Jaipur fight between these 4 leaders bjp and congress

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