राजस्थान चुनाव: बिजली जुड़े मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस पर कसा तंज, कहा- तार थकी वदारे करंट त बिल में आवे!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 4, 2018 09:47 AM2018-12-04T09:47:37+5:302018-12-04T09:47:37+5:30
ठेठ गांवों में पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि तार थकी वदारे करंट त बिल में आवे! अर्थात- बिजली के तारों से ज्यादा करंट तो बिजली के बिल में आ रहा है।
राजस्थान में बिजली से जुड़े मुद्दों को लेकर सीएम वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ इन पांच वर्षों में प्रदेश कांग्रेस ने कई बार धरने-प्रदर्शन किए हैं। अब चुनाव के मौके पर बिजली के मुद्दे पर जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राजे सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं ठेठ गांवों में पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि तार थकी वदारे करंट त बिल में आवे! अर्थात- बिजली के तारों से ज्यादा करंट तो बिजली के बिल में आ रहा है।
उनका कहना था कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के समय बिजली के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई थी, लेकिन भाजपा सरकार में बिजली के दाम आसमान छू रहे हैं, बिजली के तारों से ज्यादा करंट बिल में आता है! इधर, कुछ दिनों पहले जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निजी कंपनियों से बिजली खरीद के नाम पर छह हजार करोड़ रु पए से अधिक का घोटाला करने का आरोप लगया। सुरजेवाला का कहना था कि- भाजपा के पूंजीपति मित्रों को बिजली खरीद में हजारों करोड़ का मुनाफा दिया गया,आरटीआई से घोटाले का खुलासा हुआ है!
सत्ता में आने पर उत्पादन बढ़ाने पर जोर देगी कांग्रेस
सुरजेवाला का कहना था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2008 से 2013 के दौरान अपने पांच साल के कार्यकाल में 6526 करोड़ रु पए की बिजली खरीदी थी, वहीं वसुंधरा राजे सरकार ने वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर फरवरी 2018 तक लगभग पांच साल में ही 41966। 44 करोड़ रु पए की बिजली खरीद डाली। उनका कहना था कि वसुंधरा राजे सरकार ने तीन बड़ी कंपनियों से पांच साल में 25, 951।75 करोड़ रु पए की बिजली खरीदी। आरोप यह भी लगाया गया कि इन कंपनियों से यह बिजली डेढ़ गुना या इससे भी अधिक दाम पर खरीदी गई। इससे सरकारी खजाने को 6670 करोड़ रु पए का नुकसान हुआ। कांग्रेस सत्ता में आने पर सरकारी कंपनियों से उत्पादन बढ़ाने पर जोर देगी।
सचिन पायलट ने विरोध में किए थे धरना, प्रदर्शन कांग्रेस ने राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में 2016-17 में ही राजे सरकार के विरोध में धरना, प्रदर्शन शुरू कर दिए थे, जिनमें जनता के बीच जाकर राजे सरकार की नाकामियों को गिनाया गया।
इन धरना प्रदर्शन में भी बिजली का मुद्दा सबसे बड़ा था। यही नहीं, करीब दो माह पहले राजसमंद के किसान सम्मेलन में कांग्रेस ने ऐलान किया कि यदि राजस्थान में उनकी सरकार बनी तो किसानों को पांच हॉर्स पॉवर लोड तक नि:शुल्क बिजली मिलेगी। देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिजली का मुद्दा चुनाव में सियासी झटका दे पाता है?