राजस्थान में प्रमुख सीटों के नतीजे तय करेंगे सियासी दिशा, एक चौथाई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 8, 2018 11:42 AM2018-12-08T11:42:24+5:302018-12-08T11:42:24+5:30
इस बार के चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि इनके नतीजे राजस्थान की राजनीतिक दिशा तो तय करेंगे ही, आनेवाले लोकसभा चुनाव की भूमिका भी लिखेंगे!
राजस्थान में इस बार भी मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है। एक सौ से ज्यादा सीटों पर इन दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों में ही सीधी टक्कर नजर आ रही है। करीब एक चौथाई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है,जहां चालीस से ज्यादा सीटों पर दोनों दलों के बागी उम्मीदवारों ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
राजस्थान में कई सीटों के नतीजे प्रदेश की राजनीतिक दिशा तय करेंगे और इसीलिए करीब एक दर्जन सीटों पर सबकी नजर हैं। झालरापाटन से भाजपा की उम्मीदवार सीएम वसुंधरा राजे और कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में टोंक से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, सरदारपुरा से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उदयपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, सरदार शहर से भंवरलाल शर्मा, नाथद्वारा से सी।पी। जोशी, बागीदौरा से पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, केकड़ी से रघु शर्मा, बीकानेर पश्चिम से बी।डी। कल्ला आदि चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा में उदयपुर से प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, टोंक से भाजपा के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार यूनुस खान, बाडमेर विस सीट से भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम चैधरी, आदर्श नगर से पूर्व भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी, अजमेर से वासुदेव देवनानी, सपोटरा से गोलमा देवी, बीकानेर पश्चिम से गोपाल जोशी आदि किस्मत आजमा रहे हैं। श्रीगंगानगर से कामिनी जिंदल विधायक हैं और इस बार के चुनाव में भी किस्मत आजमा रही हैं। कामिनी जिंदल के नाम राजस्थान की सबसे युवा विधायक होने का रिकॉर्ड दर्ज है।
वे नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी के अध्यक्ष बी।डी। अग्रवाल की बेटी हैं।जहां सागानेर से भावापा के अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी चुनाव लड़ रहे हैं,वहीं खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से हनुमान बेनीवाल चुनावी मैदान में हैं। इस बार के चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि इनके नतीजे राजस्थान की राजनीतिक दिशा तो तय करेंगे ही, आनेवाले लोकसभा चुनाव की भूमिका भी लिखेंगे!