राजस्थानः कांग्रेस सत्ता के दम पर तो बीजेपी सदस्यता के दम पर सियासी सफलता की तलाश में?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 4, 2019 07:03 PM2019-08-04T19:03:25+5:302019-08-04T19:03:25+5:30
अलबत्ता, अपनी इस कामयाबी पारी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी विधायक, मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को डिनर पार्टी दी, जिसमें सरकार के कई प्रमुख अफसर भी मौजूद रहे.
राजस्थान में निकट भविष्य में होने वाले चुनावों के मद्देनजर जहां कांग्रेस सत्ता के दम पर तैयारी में जुटी है तो बीजेपी सदस्यता अभियान के दम पर आगे बढ़ रही है.
सीएम अशोक गहलोत अपनी सरकार की अस्थिरता को लेकर भीतर और बाहर उठने वाली सियासी लहरों को थामने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने बजट सत्र के दौरान अपनी सियासी क्षमताओं का परिचय देते हुए कई घोषणाएं तो की ही, विरोधियों को भी कुछ कर दिखाने का अवसर नहीं दिया.
अलबत्ता, अपनी इस कामयाबी पारी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी विधायक, मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को डिनर पार्टी दी, जिसमें सरकार के कई प्रमुख अफसर भी मौजूद रहे. इस पार्टी के लिए सीएम ने सभी को सपरिवार आमंत्रित किया था और डेढ़ सौ से ज्यादा नेता, मंत्री, एमएलए आदि सपरिवार पहुंचे थे.
उधर, बीजेपी सदस्यता अभियान में जुटी है और 11 अगस्त 2019 तक सदस्यता लक्ष्य पूर्ति सप्ताह मना रही है. जिसके तहत प्रदेश भर में सदस्यता चौपाल आयोजित की जाएगी. इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता अलग-अलग जिलों में प्रवास भी करेंगे.
इसके लिए प्रदेश बीजेपी ने कार्यकर्ताओं को विभिन्न संस्थाओं में जाकर लोगों को पार्टी से जोड़ने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं, पार्टी ने अपने अग्रिम मोर्चों को डोर-टू-डोर संपर्क करके सदस्यता अभियान को रफ्तार देने के निर्देश भी दिए हैं.
इस संबंध में अभियान के प्रदेश संयोजक सतीश पूनिया ने प्रेस को बताया कि अब तक सदस्यता के तहत हुए काम की समीक्षा के लिए 7 अगस्त को एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चैहान एक दिन के प्रवास पर उदयपुर आ रहे हैं. बीजेपी ने प्रदेश में अब तक 26 लाख सदस्य बना भी लिये हैं, जबकि पार्टी ने 30 लाख नये सदस्य जोड़ने का लक्ष्य दिया उनका कहना था कि पार्टी के नियमों के अनुसार तो यह लक्ष्य करीब साढे दस लाख का ही लिया जाना था, परन्तु कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखते हुए राजस्थान बीजेपी ने 30 लाख नये सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा है.
इस अवसर पर बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के सवाल पर पुनिया ने कहा कि- बीजेपी सिस्टम से चलने वाली पार्टी है और ऐसे में अगर अभी प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनता है तब भी कोई ज्यादा बड़ी बात नहीं है.
बहरहाल, प्रदेश में भविष्य में होने वाले स्थानीय चुनावों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही सतर्क हैं और अपनी-अपनी रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं.