किसी मंदिर की दानपेटी पर छोटा-सा ताला इसलिए लगाया जाता है कि किसी साहुकार का ईमान नहीं डोल जाए, चोर तो पूरी दानपेटी ही उठा कर ले जाएगा. कुछ ऐसा ही हाल सियासत में आदर्श स्थापित करने के लिए बने दलबदल कानून का हो रहा है. जब चारों ओर कैसे भी सत्ता हांसिल करने की राजनीति जोरों पर हो तो दलबदल कानून बेमतलब होता जा रहा है, राजनीतिक दलों ने, खासकर बीजेपी ने दलबदल कानून का तगड़ा तोड़ तलाश लिया है.
मध्य प्रदेश में जारी सत्ता संकट के बीच अब गुजरात में राज्यसभा चुनाव में सियासी संकट के मद्देनजर गुजरात के विधायकों को भी राजस्थान के सुरक्षित गढ़ की शरण लेनी पड़ रही है. इन हालात पर निशाना साधते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल किया है कि- देश में लोकतंत्र कहां बचा है?
उन्होंने ट्वीट किया- बीजेपी ने पूरे देश में जो हालात बना रखे हैं, उसका रिफ्लेक्शन है कि पहले महाराष्ट्र के लोग आए थे, फिर एमपी के, अब गुजरात के आ रहे हैं. ये नौबत क्यों आ रही है? पूरे मुल्क में इतना आतंक का माहौल बना दिया है, कोई सरकार से असहमति व्यक्त करे तो वो देशद्रोही है. देश में लोकतंत्र कहां बचा है?