राजस्थान चुनावः इस सीट पर 25 सालों से मिल रही है BJP को हार, क्या इस बार चख पाएगी जीत का स्वाद

By रामदीप मिश्रा | Published: October 17, 2018 07:38 AM2018-10-17T07:38:27+5:302018-10-17T07:38:27+5:30

राजस्थान चुनावः आज हम आपको प्रदेश की ऐसी सीट के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आजतक बीजेपी केवल एक बार जीत हासिल कर पाई है, जबकि कांग्रेस छह बार जीत हासिल करने में सफल रही।

rajasthan assembly election: bjp only one time won the fatehpur seat | राजस्थान चुनावः इस सीट पर 25 सालों से मिल रही है BJP को हार, क्या इस बार चख पाएगी जीत का स्वाद

राजस्थान चुनावः इस सीट पर केवल एक बार 1993 में BJP ने पाई विजय, क्या इस बार चख पाएगी जीत का स्वाद

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार तेज हो गया है और पार्टियां अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी हुई हैं। सूबे की दोनों दिग्गज पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस अपनी खोई जमीन को तलाशने में जुटी हुई हैं। आज हम आपको प्रदेश की ऐसी सीट के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आज तक बीजेपी केवल एक बार जीत हासिल कर पाई है, जबकि कांग्रेस छह बार जीत हासिल करने में सफल रही।

कांग्रेस से छीनी निर्दलीय उम्मीदवार ने सीट

दरअसल, हम बात कर रहे हैं प्रदेश की सीकर जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट की। इस सामान्य सीट पर 13 बार हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को केवल एक बार जीत मिल सकी है। 1993 में बीजेपी की ओर से बनवारी लाल ने कांग्रेस के मोहम्मद हनीफ खतरी को हराया था। इसके बाद से पार्टी जीत का स्वाद चखने की कोशिश में लगी हुई है। वहीं, यह सीट अभी निर्दलीय विधायक नंद किशोर के कब्जे में है, जिसने कांग्रेस के झोली से छीनी थी। 

ये बता रहे हैं आकड़े

अब इस सीट को कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां निर्दलीय विधायक से छीनना चाहती हैं। अगर 2013 विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखें, तो इस सीट पर मतदाताओं की संख्या एक लाख, 94 हजार, 694 थी, जिसमें से एक लाख, 42 हजार, 692 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। कुल मिलाकर 73.29 फीसदी वोटिंग हुई थी। 

बीजेपी रही थी तीसरे नंबर की पार्टी

आकड़े बताते हैं कि पिछले चुनाव की सबसे बड़ी बात ये थी कि निर्दलीय उम्मीदवार नन्द किशोर महरिया ने कांग्रेस के तीन बार के विजेता उम्मीदवार भानवरू खान को परास्त किया था। निर्दलीय उम्मीदवार को 53 हजार, 884 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 49 हजार, 953 वोट मिले थे। दोनों उम्मीदवारों की जीत में 3926 वोटों का अंतर रहा था। वहीं बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी रही थी। 
 
सीकर जिले का मिजाज

सीकर जिले में कुल 8 विधानसभा सीटे हैं। साल 2013 के आंकड़ों के अनुसार यहां 16,76,024 मतदाता थे, जिनमें से 12,42,035 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। यह संख्या कुल 74.1 फीसदी के आसपास थी। हर बार वोटिंग प्रतिशत अधिक होने पर यहां सत्ता बदल जाती है। इस जिले में सात सामान्य सीट हैं। इनमें फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, सीकर, दांतारामगढ़, खंडेला, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर हैं। जिले की एक सीट धोद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस जिले को अपनी कला-संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। इसी जिले में सात गेटों वाली किलेबंदी है, जिसे बवारी गेट से जाना जाता है।

राजस्‍थान विधानसभा का मौजूदा स्वरूप

उल्लेखनीय है‌ कि राजस्‍‌थान में कुल 200 सीटों पर चुनाव होते हैं। इनमें से 142 सीट सामान्य हैं, जबकि 33 सीटें अनुसूचित जाति व 25 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। साल 2013 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 163 सीटों के साथ सरकार बनाई बनाई थी। कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी। तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी रही जिसे 4, व चौथे नंबर बहुजन समाज पार्टी रही, जिसे 3 सीटों पर जीत मिली। जबकि 7 सीटें निर्दलियों के खाते में गई थीं।

English summary :
Rajasthan elections and political history. Rajasthan assembly elections 2018 campaigns by the political parties like BJP and Congress has been intensified and the parties are engaged in strengthening their grip on the upcoming Rajasthan Vidhan Sabha Chunav 2018. Assembly seat in Rajasthan, where BJP has won only once, while the Congress managed to win six times.


Web Title: rajasthan assembly election: bjp only one time won the fatehpur seat

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