राजस्थानः सैद्धान्तिक घोषणाओं में हैं प्रायोगिक बाधाएं, बेरोजगारों के लिए सुनहरे सपने साकार कैसे होंगे?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 18, 2019 06:31 PM2019-07-18T18:31:38+5:302019-07-18T18:31:38+5:30
सीएम अशोक गहलोत ने अपने पहले बजट में बेरोजगारों के लिए कई ऐलान किए और बेरोजगारों के लिए 75 हजार नई सरकारी भर्तियों की घोषणा की गई. यही नहीं, इसके साथ ही उन युवाओं को भी राहत दी है जो कि धन की कमी के कारण खुद अपना काम शुरू नहीं कर पाते हैं.
राजस्थान के बेरोजगारों के लिए अशोक गहलोत सरकार के बजट में सुनहरे सपने तो बहुत हैं, लेकिन बेरोजगारों का बड़ा सवाल यह है कि ये साकार कब होंगे? बेरोजगार सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, वे सैद्धान्तिक घोषणाओं की प्रायोगिक बाधाओं से परेशान हैं.
उल्लेखनीय है कि सीएम अशोक गहलोत ने अपने पहले बजट में बेरोजगारों के लिए कई ऐलान किए और बेरोजगारों के लिए 75 हजार नई सरकारी भर्तियों की घोषणा की गई. यही नहीं, इसके साथ ही उन युवाओं को भी राहत दी है जो कि धन की कमी के कारण खुद अपना काम शुरू नहीं कर पाते हैं. ऐसे युवाओं के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना की घोषणा करते हुए सीएम गहलोत का कहना है कि इससे 25000 युवाओं को जोड़ा जाएगा. सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री मुद्रा योजना की भी घोषणा की है जिसके अंतर्गत युवाओं को स्वरोजगार के लिए एक लाख तक का ऋण दिया जाएगा.
लेकिन, ऐसी घोषणाओं की प्रायोगिक बाधाओं के चलते ही कुछ दिनों पहले नई भर्तियां शुरू करने और लंबित भर्तियों को जल्दी पूरा करने की मांग को लेकर हजारों बेरोजगारों ने राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले जयपुर में विशाल प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन के बाद बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ज्ञापन भी सौंपा था.
इस दौरान महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव का कहना था कि करीब छह साल पहले 2013 में निकाली गई विद्यालय सहायक भर्ती, नर्सिंग भर्ती, पंचायतीराज की एलडीसी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है जिसके कारण ये भर्तियां आज भी अटकी हुई हैं. इतना ही नहीं पिछले साल निकाली गई अधिकांश भर्तियों की परीक्षा भी नहीं हो पाई है.
वर्तमान घोषणा के अनुसार प्रदेश में इस साल विभिन्न विभागों में लगभग 75 हजार पदों पर भर्तियां होंगी. ये भर्तियां कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, कॉपरेटिव, गृह समेत विभिन्न विभागों में की जाएंगी. इनमें एजुकेशन की 21600, एनर्जी की 9000, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की 5160, मेडिकल की 15000 आदि भर्तियां शामिल हैं.
प्रदेश के युवाओं के लिए ये ऐलान आशा की किरण जरूर हैं, लेकिन इन रिक्त पदों को भरना प्रदेश सरकार के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि 2013, 2018 आदि वर्षों में विभिन्न सरकारी विभागों में निकाली गईं करीब एक लाख भर्तियां अभी भी प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण शेष हैं.