गहलोत सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में वसुंधरा सरकार के कई फैसले पलटे, पं. दीनदयाल की तस्वीर हटाने से लेकर हुए ये बदलाव
By भाषा | Published: December 29, 2018 08:02 PM2018-12-29T20:02:52+5:302018-12-29T20:02:52+5:30
राजस्थान अशोक गहलोत सरकार: सरकारी पत्रों (लैटरहैड) पर से पंडित दीनदयाल का फोटो हटाने का फैसला भी मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किया गया। शर्मा ने कहा,‘‘सरकारी लैटरहैड में अशोक स्तंभ ही प्रमुख होगा, किसी नेता का उसमें कोई उल्लेख नहीं होगा।’’
राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली नयी सरकार ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के पार्षदी और सरपंची चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता के फैसले को समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों का कर्ज माफ करने की पात्रता व मापदंड तय करने के लिए अंतर्विभागीय समिति गठित करने, वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने जैसे कई अहम फैसले भी लिये गए।
पंडित दीनदयाल की तस्वीर हटा केंद्र में अशोक स्तंभ रखा जाए
कैबिनेट की बैठक में सरकारी लैटरहेड पर से पंडित दीनदयाल की तस्वीर हटाने और उसकी जगह अशोक स्तंभ को ही केंद्र में रखने का भी फैसला किया गया। सूचना व जनसंपर्क मंत्री रघु शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘कांग्रेस सरकार ने पंचायती राज व स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की अर्हता समाप्त करने का फैसला किया है।’’ उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2015 में स्थानीय निकाय चुनावों में उम्मीदवारों के न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रावधान लागू किये गये थे।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का जन घोषणा पत्र, राजस्थान की मौजूदा सरकार का नीतिगत दस्तावेज होगा और इसे समयबद्ध तरीके से तत्परता से कार्यान्वित किया जाएगा। इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मंत्रिमंडल की समिति गठित करने का निर्णय किया गया है जिसके लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री गहलोत को अधिकृत किया है। इसके साथ ही पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पिछले छह महीनों में लिये गए फैसलों की समीक्षा भी की जाएगी।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विधि विश्वविद्यालय फिर से होगा शुरू
उन्होंने कहा कि किसानों के अल्पकालीन फसली कर्ज की माफी के सवाल पर मंत्रिमंडल ने अंतर्विभागीय समिति गठित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री गहलोत यह समिति गठित करेंगे। शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक व भूमि विकास बैंक से कर्जमाफी की पात्रता व मापदंड क्या होंगे, इसको लेकर भ्रांतियां फैलाने की कोशिश की गयी हैं लेकिन जल्द ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विधि विश्वविद्यालय व हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय फिर शुरू किया जाएगा। गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में इन दोनों संस्थानों की शुरुआत की थी जिसे वसुंधरा राजे सरकार ने बंद कर दिया। इसे तत्काल शुरू करने का फैसला किया गया है।
वृद्धावस्था पेंशन के बारे में शर्मा ने कहा कि सरकार ने दो स्लैब में मिल रही 500 रुपये व 750 रुपये की पेंशन को बढ़ाकर क्रमश: 750 रुपये व 1000 रुपये प्रति माह करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एनआरएचएम, पैरा टीचर, उर्दू पैराटीचर, लोक जुंबिक कर्मी, आंगनबाड़ी कर्मी, विद्यार्थी मित्र व पंचायत सहायक जैसे संविदाकर्मियों की समस्या पर विचार करने के लिए समिति गठित की जाएगी। यह समिति इन सभी कर्मियों की बातों को सुनकर उनकी समस्याओं के समाधान फैसला करेगी।
शर्मा ने कहा कि 2011 व 2012 राजस्थान लोकसेवाओं के प्रदान की गारंटी का अधिनियम 2011 व राजस्थान सुनवाई अधिकार अधिनियम 2012 का साथ साथ इस्तेमाल करके शासन पारदर्शिता, जवाबदेही, संवेदनशीलता और आम जन की सुनवाई को सुनिश्चित करने का हमारी सरकार काम करेगी।
बाड़मेर में प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित रिफाइनरी परियोजना पर शर्मा ने कहा कि यह रिफाइनरी राजस्थान का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसकी शुरुआत कांग्रेस सरकार ने की थी। उन्होंने कहा-गत पांच साल में इसको लेकर निर्वतमान सरकार ने ढुलमुल रवैया अपनाया उससे यह राज्य के इस महत्वपूर्ण परियोजना पर तेज गति से काम नहीं हो पाया। हमारी सरकार ने फैसला किया है कि ये हमारी सरकार की प्राथमिकता होगी और रिफाइनरी के काम को बहुत तेजी के साथ एक निश्चित समयावधि में पूरा करेंगे।
सुबह एक घंटे जन सुनवाई का फैसला
उन्होंने कहा सरकार के सभी मंत्री जिस दिन राजधानी में रहेंगे उस दिन सुबह एक घंटे जन सुनवाई करेंगे। उन्होंने कहा,‘‘सारा मंत्रिमंडल सुबह नौ बजे से दस बजे के बीच आम जनता की सुनवाई करेगा। मंत्री अपने घर पर आम जनता से संवाद स्थापित करेंगे उनकी बात सुनेंगे व समस्याओं के समाधान का काम करेंगे।’’
सरकारी पत्रों (लैटरहैड) पर से पंडित दीनदयाल का फोटो हटाने का फैसला भी मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किया गया। शर्मा ने कहा,‘‘सरकारी लैटरहैड में अशोक स्तंभ ही प्रमुख होगा, किसी नेता का उसमें कोई उल्लेख नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा कि निर्वतमान वसुंधरा राजे सरकार ने सरकारी लैटरहैड पर अशोक स्तंभ को किनारे कर पंडित दीनदयाल की फोटो बीच में लगाने का फैसला किया था जिसके समाप्त कर दिया गया है।
सरकार ने नरेगा के प्रभावी कार्यान्यवन की कार्ययोजना बनाने का निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। इसी तरह स्थानीय निकायों में मेयर, सभापति व अध्यक्ष का निर्वाचन फिर प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति से आम मतदाता वोट डालकर कर सकेगा। सरकार ने इस बारे में भी पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के फैसले को बदल दिया है। एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा,‘‘गत सरकार के आखिरी छह महीने में किए गए फैसलों की समीक्षा की जाएगी।’’