अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन से रेलवे को हुआ 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान, 2 हजार से भी अधिक ट्रेनें हुईं रद्द
By रुस्तम राणा | Published: July 22, 2022 04:30 PM2022-07-22T16:30:07+5:302022-07-22T16:33:05+5:30
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा कि भारतीय रेल को अग्निपथ योजना के विरोध में हुए आंदोलनों में रेल परिसंपत्तियों की क्षति व तोड़फोड़ के कारण 259.44 करोड़ रुपये की हानि हुई।’’
नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में यह कहा है कि रक्षा सेवाओं में भर्ती की नयी योजना‘‘अग्निपथ’’ के विरोध में हुए आंदोलनों के चलते रेलवे की संपत्ति को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के देश भर में विरोध की वजह से 15 जून से 23 जून के बीच 2000 से अधिक ट्रेन रद्द किए गए। वैष्णव ने विभिन्न सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘‘भारतीय रेल को अग्निपथ योजना के विरोध में हुए आंदोलनों में रेल परिसंपत्तियों की क्षति व तोड़फोड़ के कारण 259.44 करोड़ रुपये की हानि हुई।’’
उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध में देश भर में हुए प्रदर्शनों के चलते 15 जून से 23 जून के बीच 2132 ट्रेन रद्द की गईं। वैष्णव ने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के विरोध के परिणामस्वरूप सार्वजनिक अव्यवस्था के कारण रेल सेवाओं के बाधित होने की वजह से यात्रियों को लौटायी गयी राशि (रिफंड) के बारे में अलग से आंकड़ा नहीं रखा जाता है। उन्होंने कहा ‘‘हालांकि, 14 जून 2022 से 30 जून 2022 की अवधि के दौरान, अग्निपथ योजना के विरोध के चलते ट्रेन के रद्द होने के कारण करीब 102.96 करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया। इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन के चलते रेलवे की संपत्ति को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’’
Indian Railways suffered a loss of Rs 259.44 crores due to damage and destruction of its assets in agitations against the Agnipath Scheme, said Union Railway Minister Ashwini Vaishnaw in Rajya Sabha
— ANI (@ANI) July 22, 2022
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उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध के कारण रद्द की गई सभी प्रभावित ट्रेन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। वैष्णव ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत पुलिस और कानून व्यवस्था राज्यों के विषय हैं और इस प्रकार रेलों पर अपराध की रोकथाम, उनका पता लगाना, पंजीकरण और अन्वेषण करना तथा कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, जिसका निर्वहन वे अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों तथा राजकीय रेल पुलिस और राज्य पुलिस के माध्यम से करती हैं। सेना में भर्ती की हाल ही में शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था।
(इनपुट एजेंसी)