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कड़ी आपत्ति और तीखे विरोध के बावजूद रेलवे यूनिवर्सिटी ने अपने ही बोर्ड मेंबर की कंपनी को दिया 6 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रेक्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 9, 2021 13:38 IST

भारतीय रेलवे के गुजरात के बड़ोदरा स्थित रेलवे विश्वविद्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां तमाम आपत्तियों के बावजूद रेलवे यूनिवर्सिटी ने अपने बोर्ड मेंबर की कंपनी को 6 करोड़ रुपये का टेंडर दे दिया.

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भारतीय रेलवे के गुजरात के बड़ोदरा स्थित रेलवे विश्वविद्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां तमाम आपत्तियों के बावजूद रेलवे यूनिवर्सिटी ने अपने बोर्ड मेंबर की कंपनी को 6 करोड़ रुपये का टेंडर दे दिया. इस पूरे मामले में कॉन्फल्किक्ट ऑफ इंटरेस्ट के तहत सवाल भी उठाए गए लेकिन "रेलवे विश्वविद्यालय" ने अपने ही बोर्ड के सदस्य प्रथम राज सिन्हा को 6 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रेक्ट दे दिया. प्रथम राज सिन्हा रेलवे विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य हैं.

रेलवे विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य प्रथम राज सिन्हा 9dot9 कंपनी के मालिक हैं. सिन्हा इस कंपनी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक हैं. रेलवे विश्वविद्यालय ने अधिकारियों की तमाम आपत्ति के बावजूद सिन्हा की कंपनी 9dot9 को 6 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रेक्ट दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, यह एक कंसलटेंसी कॉन्ट्रेक्ट है. इसका मूल्य 65 लाख रुपये है. रेलवे यूनिवर्सिटी की ओर से सिन्हा की कंपनी को दिया गया यह कॉन्ट्रेक्ट 9 महीने का है. यह अनुबंध दिसंबर 2021 तक चलेगा.

भारतीय रेलवे के अधिकारियों के द्वारा सिन्हा को कॉन्ट्रेक्ट दिए जाने का विरोध भी किया था. इतना ही नहीं सरकार द्वारा बनाए गए कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के नियमों का हवाला भी दिया गया लेकिन इसके बावजदू रेलवे यूनिवर्सिटी ने अपने प्रबंधन बोर्ड के सदस्य प्रथम राज सिन्हा की कंपनी को 6 करोड़ रुपया का कॉन्ट्रेक्ट दे दिया.

हालांकि यह पहला मौका नहीं जब सिन्हा को इस तरह विरोध के बावजूद कोई कॉन्ट्रेक्ट दिया गया हो. इससे पहले सिन्हा की एक अन्य कंपनी हड़प्पा एजुकेशन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रबंधन के शिक्षण से संबंधित काम का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था. यह कॉन्ट्रेक्ट दो साल तक चलेगा. इसके लिए सिन्हा की कंपनी को अभी तक 40 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है. 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जब इस मामले में प्रथम राज सिन्हा से बातचीत की गई तो उन्होंने रेलवे यूनिवर्सिटी के अंतरिम कुलपति अलका अरोड़ा मिश्रा से बात करने के लिए कहा. वहीं कुलपति ने रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के प्रवक्ता के माध्यम से बताया कि ये कॉन्ट्रेक्ट सभी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन कर के सिन्हां की कंपनी को दिया गया है. 

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