Railway News: 14 से 21 नवंबर तक 6 घंटे बंद रहेगा रेलवे यात्री आरक्षण प्रणाली, जानिए क्या है वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2021 10:19 PM2021-11-14T22:19:40+5:302021-11-14T22:22:43+5:30
Railway News: मंत्रालय ने कहा कि पीआरएस सेवाओं को छोड़कर, 139 सेवाओं सहित अन्य सभी पूछताछ सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी।
Railway News: यात्री सेवाओं को सामान्य करने और कोविड-19 से पहले के समय पर चरणबद्ध तरीके से लौटने के रेलवे के प्रयासों के तहत रेलवे यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) अगले सात दिन तक रात के समय छह घंटे बंद रहेगी।
रेल मंत्रालय ने रविवार को कहा कि यह कदम प्रणाली के डेटा, नयी ट्रेन संख्या और अन्य कार्यों के उन्नयन के लिए है। रेलवे ने कहा, ‘‘चूंकि सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में बड़ी मात्रा में पूर्ववर्ती (पुरानी ट्रेन संख्या) और वर्तमान यात्री बुकिंग डेटा को अद्यतन किया जाना है, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक श्रृंखलाबद्ध चरणों में करने की योजना बनायी गई है।
इसके चलते टिकटिंग सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए इस कार्य को रात के घंटों के दौरान किया जाएगा।’’ उसने कहा, ‘‘यह गतिविधि 14 और 15 नवंबर की दरम्यानी रात से शुरू होकर 20 और 21 नवंबर की रात तक चलेगी। यह गतिविधि रात साढ़े ग्यारह बजे से शुरू होकर सुबह साढ़े पांच बजे समाप्त होगी।’’
रेलवे ने कहा कि इन छह घंटों (रात साढ़े ग्यारह बजे से सुबह साढ़े पांच बजे तक) की अवधि के दौरान, टिकट आरक्षण, वर्तमान बुकिंग, रद्दीकरण, पूछताछ सेवाओं जैसी कोई यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। रेलवे ने कहा कि इसके अलावा रेल कर्मी प्रभावित समय के दौरान ट्रेनों को शुरू करने के लिए अग्रिम चार्टिंग सुनिश्चित करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि पीआरएस सेवाओं को छोड़कर, 139 सेवाओं सहित अन्य सभी पूछताछ सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी। बयान में कहा गया है, ‘‘रेल मंत्रालय ने अपने ग्राहकों से यात्री सेवाओं को सामान्य करने और अद्यतन करने के प्रयास में मंत्रालय का सहयोग करने का अनुरोध किया है।’’
भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए 'विशेष' टैग को बंद करने और तत्काल प्रभाव से महामारी पूर्व टिकट दर पर वापस आने का आदेश जारी किया था। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि महामारी के मद्देनजर रियायतें, बेडरोल और भोजन सेवाओं पर अस्थायी रोक जैसे प्रतिबंध लागू रहेंगे।