बिहार में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों से गुजरेगी राहुल गांधी की यात्रा, कांग्रेस को मिल सकता है फायदा
By एस पी सिन्हा | Published: January 14, 2024 02:51 PM2024-01-14T14:51:07+5:302024-01-14T14:57:12+5:30
राहुल गांधी की यात्रा बिहार के सीमांचल के चार जिलों से होते हुए गुजरने वाली है। राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से कांग्रेस को बिहार में फायदा मिल सकता है।
पटना: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर से चलकर बिहार में प्रवेश करेंगे। राहुल गांधीबिहार में करीब 425 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस महीने के अंत में संभवत: 28 या 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश करेगी।
सीमांचल के चार जिलों से होते हुए गुजरने वाली राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस इलाके में इंडिया के लिए बड़ी संजीवनी की भांति है। कांग्रेस नेताओं की मानें तो राहुल की यात्रा जब सीमांचल से गुजरेगी तो यहां कई जिलों के संसदीय इलाकों पर इसका खास असर पड़ सकता है।
सीमांचल की सामाजिक स्थिति पर गौर करें तो यह भी कांग्रेस और इंडिया के अन्य घटक दलों के लिए मुफीद प्रतीत हो रही है। सीमांचल के जिले देश के उन इलाकों में शामिल है जो सर्वाधिक अल्पसंख्यक बहुल है।
वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार किशनगंज में 68 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी है। वहीं कटिहार में 44.7, अररिया में 42.9 और पूर्णिया में 38.46 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी है। कांग्रेस को लेकर हमेशा से एक धारणा रही है कि अल्पसंख्यक वोट बैंक पर पार्टी की अच्छी खासी पकड़ है। इतना ही नहीं बिहार में राजद के कोर वोट बैंक में भी एम-वाई यानी मुस्लिम-यादव समीकरण रहा है।
इतना ही नहीं जदयू के लिए भी यह एक मजबूत जनाधार वाला वोटर वर्ग रहता है। ऐसे में राहुल की यात्रा जब इस इलाके से गुजरेगी तो इस वोट बैंक को साधने पर भी पार्टी खास ध्यान रखेगी। साथ ही कांग्रेस जिन लोकसभा सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ने को इच्छुक है, उसमें किशनगंज और कटिहार प्रमुख है, जहां से राहुल की यात्रा गुजरेगी।
राहुल गांधी की यात्रा दो चरणों में बिहार में प्रवेश करेगी। सीमांचल के बाद दूसरी बार राहुल शाहाबाद (रोहतास-कैमूर आदि) होते हुए उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लिए बढ़ेंगे। अपनी यात्रा में राहुल बिहार के सात जिलों से गुजरेंगे। शाहाबाद के इलाके में भी कांग्रेस कुछ सीटों पर नजर गड़ाए हुए है। वहीं इस यात्रा के दौरान राहुल बिहार में तीन रात विश्राम भी कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में 40 में 39 सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की थी। तब जदयू भी एनडीए के साथ था। हालांकि अब जदयू इंडिया गठबंधन के साथ है। उस चुनाव में एक मात्र सीट जो विपक्षी दलों को बिहार में आई थी वह किशनगंज की थी, जिस पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।