आधार की वैधता के फैसले पर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का कहा शुक्रिया, जानिए किसने और क्या कहा
By भारती द्विवेदी | Published: September 26, 2018 04:05 PM2018-09-26T16:05:00+5:302018-09-26T16:15:01+5:30
Rahul Gandhi Reaction over Supreme Court Verdict on Aadhaar verdict: पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा- 'मोटे तौर पर यह एक अच्छा फैसला है। यद्यपि मैं जस्टिस चंद्रचूड़ के फैसले से खुश हूं कि उन्होंने निजता के अधिकार पर बात की।'
नई दिल्ली, 26 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायधीशों की संविधान पीठ ने आधार कार्ड की वैधता पर बुधवार को अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आधार की वैधता को बरकरार रखते हुए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कोर्ट के फैसले को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आधार के फैसले पर नेताओं की क्या राय है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है- कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। हर कोई जो आधार की आलोचना कर रहा है, उसे समझना चाहिए कि वो टेक्नॉलजी को चुनौती नहीं दे सकते हैं। मुख्यधारा में हो रहे बदलाव को स्वीकार करना चाहिए। बदलाव के साथ चलना चाहिए। देश डिजिटल हो रहा है।'
Everyone who has been criticizing #Aadhaar should understand that they cannot defy technology. Mainstream should accept changes, one can understand the fringe being against: FM Jaitley
— ANI (@ANI) September 26, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आधार की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है- 'कांग्रेस के लिए आधार सशक्तिकरण का माध्यम था। बीजेपी के लिए आधार जासूसी का टूल। कांग्रेस के विजन को समर्थन देने और प्रोटेक्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार।'
For Congress, Aadhaar was an instrument of empowerment.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 26, 2018
For the BJP, Aadhaar is a tool of oppression and surveillance.
Thank you Supreme Court for supporting the Congress vision and protecting 🇮🇳. #AadhaarVerdict
नीति आयोग के अध्यक्ष अमिताभ कांत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है- 'ये एक अच्छा और प्रगतिशील निर्णय है।ये देश में दक्षता लाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार संवैधानिकता का परीक्षण पूरी तरह सफल हुआ है।'
This is a good & a progressive judgement. It will bring efficiency in the country. The Supreme Court has said that this (Aadhaar) has stood the test of constitutionality: Amitabh Kant, CEO, Niti Aayog on #AadhaarVerdictpic.twitter.com/QaN8PpKS3R
— ANI (@ANI) September 26, 2018
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है- 'सेक्शन 57 को हटाकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के द्वारा आधार के नाम पर चल रहे सर्विसलांस को खत्म कर दिया है। यूपीए ने जैसा आधार को बनाना चाहा था, अब वैसा बिल्कुल भी नहीं है। '
By striking down Section 57 of Aadhaar Act, Supreme Court has firmly put an end to the mass surveillance exercise being carried out under the guise of #Aadhaar by the Central Government and the grotesque distortion of an idea conceived by the UPA: Kapil Sibal, Congress pic.twitter.com/n5TXETY2gT
— ANI (@ANI) September 26, 2018
पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा- 'मोटे तौर पर यह एक अच्छा फैसला है। यद्यपि मैं जस्टिस चंद्रचूड़ के फैसले से खुश हूं कि उन्होंने निजता के अधिकार पर बात की।'
I think on the whole it is a good judgement. Though personally, I am happy with Justice Chandrachud's judgement striking it down on the ground that it bothers right to privacy: Former Attorney General of India Soli Sorabjee on #Aadhaar verdict pic.twitter.com/8F8AxhLmbI
— ANI (@ANI) September 26, 2018
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा है- 'ममता बनर्जी ने आधार को लेकर खुली चुनौती दी थी। हमारा रुख सही साबित हुआ है। मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने वो कहा, जो हम कह रहे थे। डेटा गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर हमें ध्यान देने की ज़रूरत है। बीजेपी कर नागरिक की ज़िंदगी की निगरानी नही कर सकती।'
Mamata Banerjee had issued an open challenge on Aadhaar. Our stance has been vindicated. I'm glad the SC said what it said. On data privacy & data protection, that's also something we need to take a close look at, so the BJP can't make it into a policed state: Derek O'Brien, TMC pic.twitter.com/jePAMMVh4u
— ANI (@ANI) September 26, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने आधार को लेकर क्या कहा
- पैन कार्ड से आधार लिंक करना अनिवार्य है लेकिन यूजीसी, एनईईटी और सीबीएसई परीक्षाओं और स्कूल एडमिशन में यह जरूरी नहीं है। इसके अलावा बैंक खाता खोलने, नई सिम खरीदने और प्राइवेट कंपनियों आधार की मांग नहीं कर सकती।
- सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को खत्म कर दिया है। जिसके बाद प्राइवेट कंपनियां अब आधार नहीं मांग सकती।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार प्राइवेसी में दखल लेकिन उसकी जरूरत को भी देखना होगा। मौलिक अधिकारों पर कुछ अंकुश भी संभव। 99.76 फीसदी लोगों को सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता। बॉयोमेट्रिक की सुरक्षा के पुख्ता उपाय की जरूरत है।
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बैंक खातों और मोबाइल नंबर से आधार लिंक करना अनिवार्य नहीं हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने स्कूलों में भी आधार की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा सीबीएसई और एनईईटी में आधार दिया जाना जरूरी नहीं है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूआईडीएआई नागरिकों के आधार पंजीकरण के लिए डेमोग्राफिक और बॉयोमेट्रिक डेटा जुटाता है। किसी व्यक्ति को जारी आधार नंबर यूनीक होता है। इसे किसी अन्य व्यक्ति को नहीं किया जा सकता।
- जस्टिस एके सीकरी ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि आधार ने समाज के हाशिए पर पड़े लोगों को पहचान दी है। यह यूनीक पहचान है क्योंकि इसका डुप्लीकेट नहीं हो सकता।
आधार एक 12 अंक की यूनिक पहचान संख्या है जो सवा अरब भारतीयों को दी गई गई है। इसमें व्यक्ति की पहचान के साथ उसका निवास और पहचान की अन्य जानकारियां होती हैं। 38 दिनों तक चली रिकॉर्ड सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 27 याचिकाकर्ताओं को सुना जिन्होंने आधार की संवैधानिकता पर सवाल खड़े किए थे और इसे निजता के अधिकार का हनन माना था।