राहुल गांधी ने कहा- सैम पित्रोदा को 1984 पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए
By स्वाति सिंह | Published: May 11, 2019 07:48 AM2019-05-11T07:48:25+5:302019-05-11T09:31:25+5:30
1984 के सिख दंगों को लेकर मचे बवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। सैम पित्रोदा ने कहा कि मेरी हिंदी खराब है, मैं 'जो हुआ वो बुरा हुआ' कहना चाहता था। बुरा हुआ को मैं दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाया।
सैम पित्रोदा की ओर से दिए कथित विवादित बयान को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी लाइन से अलग टिप्पणी करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पित्रोदा को माफी मांगने की सलाह दी है।
राहुल गांधी ने फेसबुक पर लिखा 'मुझे लगता है कि सैम पित्रोदा ने जो कहा वह पूरी तरह पार्टी से 'आउट ऑफ लाइन' है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। 1984 एक अनावश्यक त्रासदी थी जिसने बेहद दर्द दिया। लेकिन अभी न्याय होना बाकी है। जो लोग 1984 में हुई त्रासदी के जिम्मेदार थे उन्हें अभी सजा मिलना बाकी है।'
उन्होंने आगे लिखा 'पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जी और मेरी मां सोनिया गांधी ने इसपर माफी मांगी है। मिस्टर सैम पित्रोदा ने जो कहा वह पूरी तरह से गलत है और उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। मैं उनसे सीधे तौर पर कहूंगा कि उन्हें इस टिप्पणी पर माफी मांगनी चाहिए।'
1984 के सिख दंगों को लेकर मचे बवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। सैम पित्रोदा ने कहा कि मेरी हिंदी खराब है, मैं 'जो हुआ वो बुरा हुआ' कहना चाहता था। बुरा हुआ को मैं दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाया। मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
सैम पित्रोदा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने क्या किया और क्या दिया, इस पर चर्चा करने के लिए हमारे पास अन्य मुद्दे हैं। मुझे खेद है कि मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, मैं माफी मांगता हूं। इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। पित्रोदा की सफाई से पहले कांग्रेस ने भी अपनी ओर से लेटर जारी करके सफाई दी थी।
इस बीच कांग्रेस ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में सैम पित्रोदा के बयान से शुक्रवार को दूरी बनाते हुए इसे उनकी निजी राय करार दिया और कहा कि पार्टी के नेता बयान देते समय ‘‘ सावधान और संवेदनशील’’ रहें। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे समाज में हिंसा और दंगे अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस एवं इसके नेतृत्व ने 1984 के दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के मकसद से पूरा प्रयास किया है। कांग्रेस ने 1984 के दंगों और साथ ही 2002 के गुजरात दंगे सहित हिंसा की सभी घटनाओं में न्याय और सजा के लिए प्रयास का समर्थन किया है।’’
उन्होंने कहा कि पित्रोदा या कोई दूसरा नेता यदि पार्टी के इस विचार से अलग राय रखता है तो वह उसकी निजी राय होगी। सुरजेवाला ने कहा कि नेताओं को सलाह दी जाती है कि वे बयान देते हुए सावधान और संवेदनशील रहें। इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हिंसा, दंगे, आपसी वैमन्स्य निंदनीय हैं और इन्हें किसी भी तरह से माफ नहीं किया जा सकता।