राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा की नाराजगी पर कहा, "कोई साथ न दे, तब भी मोदी सरकार के खिलाफ अकेले लड़ूंगा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 23, 2022 10:54 AM2022-08-23T10:54:53+5:302022-08-23T11:01:46+5:30
राहुल गांधी ने कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे G-23 समूह के गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा द्वारा पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से इस्तीफा देने के बाद कहा कि वो मोदी सरकार के खिलाफ अकेले भी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने पार्टी के दिग्गज नेताओं द्वारा उदासीनता दिखाने पर निराशा व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि वो मोदी सरकार के खिलाफ अकेले लड़ाई लड़ेंगे, कोई उनका साथ दे या फिर न दे। दरअसल राहुल गांधी की यह टिप्पणी कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे G-23 समूह के गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा द्वारा पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से इस्तीफा देने के बाद आया है।
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में राहुल गांधी द्वारा की गई यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस अगले महीने अपने अध्यक्ष का चयन करने वाली है। ऐसे में पार्टी के भीतर वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार से अकेले लड़ने की बात उस बैठक में की, जिसमें वो 'भारत जोड़ो यात्रा' के बारे में चर्चा कर रहे थे। इस बैठक में लगभग 150 से अधिक नागरिक समाज संगठनों, आंदोलनों, पेशेवरों और यूनियनों ने भाग लिया। बैठक में राहुल गांधी ने आगामी 7 सितंबर से कन्याकुमारी से शुरू होने वाली 3500 किलोमीटर के 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए उनसे समर्थन और जुड़ाव मांगा।
इस बैठक में अरुणा रॉय, सैयदा हमीद, शरद बिहार, पीवी राजगोपाल, बेजवाड़ा विल्सन, देवनूरा महादेवा, जीएन देवी और योगेंद्र यादव सहित कई समाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि वह अकेले ही लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए तैयार हैं, भले ही इस लड़ाई में कोई उनका समर्थन न करे।
बैठक के बारे में बात करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने नागरिक समाज के महत्वपूर्ण लोगों से वार्ता की और उनके द्वारा उठाए मुद्दों का जवाब दिया। जयराम रमेश ने कहा बैठक के दौरान राहुल गांधी और सामाजिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के बीच देश के मौजूदा आर्थिक हालात, बेरोजगारी, धार्मिक तनाव के अलावा जाति, धर्म के नाम समाज में फैलाये जा रहे जहर पर खुलकर बात हुई।
बैठक में राहुल गांधी ने कहा, "जब देश की मौजूदा सरकार है, ऐसी चुनौतियां देश के सामने बराबर बनी रहेगी। इसलिए जरूरी है कि फासीवादी ताकतों के खिलाफ देश की जनता को एकजुट किया जाए और यही कारण है कि मैं 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू कर रहा हूं।"
कांग्रेस पार्टी ने बैठक के बाद कहा कि 7 सितंबर से राहुल गांधी की देशव्यापी 'भारत जोड़ो यात्रा' इस शताब्दी की सबसे लंबी यात्रा होगी।
सिविल सोसाइटी के लोगों से भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने उनके लिये यह यात्रा तपस्या के समान है और उसे वो पूरी शिद्दत के साथ करेंगे। देश के हर कोने में जाना और लोगों से उनकी समस्याओं पर बात करना उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है।
राहुल गांधी ने कहा, "मैं जानता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा एक लंबी लड़ाई होगी जनता को समझने के लिए, उन्हें जगाने के लिए, लेकिन मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं।"