'दादी' इंदिरा गांधी की राह पर चले राहुल, कार्यकर्ताओं के दिल में उतरने के लिए उठाया ये कदम
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 7, 2018 08:48 PM2018-02-07T20:48:32+5:302018-02-07T20:49:18+5:30
विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमर कस ली है। राहुल जीत के लिए अब कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं।
विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमर कस ली है। राहुल जीत के लिए अब कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने के लिए अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का तरीका अपनाया है। राहुल आज (7 फरवरी) को सुबह 9:15 बजे करीब अपने पार्टी मुख्यालय पहुंच गए थे। उन्होंने जहां देश के सभी हिस्सों से आए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
हाल ही में कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव होना हैं, जबकि राजस्थान में साल के अंत में चुनाव हैं। जिसके लिए उन्होंने अभी से कमर कसी है। विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी प्रमुख से मिलने के लिए पूर्व में ही समय ले लिया था। वहीं, राहुल का पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आसानी से उपलब्ध होने की बात लंबे समय से बहस का मुद्दा रहा है।
ऐसे में राहुल ने पार्टी की कमान संभालने के बाद इसे दूर करने की दिशा में कदम उठाया है, ताकि पार्टी प्रमुख और कार्यकर्ता के बीच की दूरी को पाटा जा सके। वह अपनी दादी की तरह से ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। पार्टी प्रमुख का कार्यलय अकसर बंद रहता है, इस कांग्रेस कार्यसमिति या फिर पार्टी के स्थापना दिवस पर इसे खोला जाता था।
अब राहुल अध्यक्ष बनने के बाद इसे नए सिरे से तैयार किया गया, ताकि वहां नियमित तौर पर बैठक हो सके। राहुल अब हर रोज अब पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए 11 बजे तक मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। वहीं, आज से साप्ताहिक बैठकों में हिस्सा लेने की शुरुआत की है। इससे पहले इंदिरा गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए जनता दरबार लगाया करती थीं, जिसके बाद से ये प्रचलन पूरी तरह से बंद हो गया था।
अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए हर सप्ताह एक घंटे का वक्त निकाला करेंगे। इसका आयोजन पार्टी के 24 अकबर रोड मुख्यालय पर ही किया जाएगा। इस कारण उद्देश्य पार्टी के कार्यकार्ताओं से संमनव्य बिठाना होगा और आगामी चुनावों में जीत के लिए तैयारी करना भी होगा।