उन्नाव गैंगरेप के मुख्य गवाह की मौत और पोस्टमार्टम के बिना अंतिम संस्कार पर राहुल गांधी ने उठाया सवाल

By भारती द्विवेदी | Updated: August 23, 2018 18:22 IST2018-08-23T18:22:52+5:302018-08-23T18:22:52+5:30

18 अगस्त को यूनूस की अचानक तबीयत खराब हुई। फिर जल्दीबादी में यूनूस को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई।

Rahul gandhi questions Unnao gangrape key witness death under mysterious circumstances and no autopsy | उन्नाव गैंगरेप के मुख्य गवाह की मौत और पोस्टमार्टम के बिना अंतिम संस्कार पर राहुल गांधी ने उठाया सवाल

राहुल गांधी

नई दिल्ली, 23 अगस्त: उत्तर प्रदेश का चर्चित उन्नाव रेप मामले की चश्मदीद गवाह यूनूस की संदिग्ध मौत को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है।

राहुल गांधी ने अपने  ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीखा सवाल पूछा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है- ''उन्नाव रेप और हत्या मामले में चश्मदीद गवाह की संदिग्ध मौत और बिना पोस्टमॉर्टम शव को जल्दीबाजी में दफना दिया गया। इस केस में बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर शमिल हैं। इसमें साजिश की गंध है। क्या हमारी बेटियों को न्याय ऐसे मिलेगा, मिस्टर 56?'


वहीं पीड़ित के चाचा का कहना है कि यूनुस को जहर देकर मारा गया है और आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारों पर ऐसा किया गया है। 

उन्होंने ये भी कहा है कि यूनुस की मौत को लेकर मैंने पुलिस को पत्र लिखा है। इस खत में उन्‍नाव एसपी हरीश कुमार से मांग की गई है कि यूनुस का पोस्‍टमॉर्टम कराया जाए, ज‍िससे पता चल सके क‍ि उसकी मौत अचानक कैसे हो गई?' 


उन्नाव रेप मामला?

जून 2017 में एक दिन पीड़ित लड़की अचानक शुभम नाम के एक लड़के साथ गायब हो गई। लौटने के बाद शुभम पर आरोप लगाया, अवधेश पर केस किया। उस समय लड़की की उम्र 17 साल बताई जा रही थी।

जांच के बाद पीड़िता पुलिस को मिली और मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने बयान में कहा कि उसके साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है। जो बीजेपी विधायक के समर्थक हैं। जिसके बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए।

इसके बाद पीड़िता ने पीएम को चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। जिसके बाद पीड़िता और उसके परिवार पर विधायक समर्थकों ने मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालोंपर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का भी आरोप लगाया था।

फिर पीडिता ने उन्नाव जिला अदालत में अर्जी दी, जिसमें विधायक पर रेप का आरोप लगाया, उसमें शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया था।

इसके बाद विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया और पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया।

जेल में चार दिन बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किए गए। पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई।

लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।

उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी। एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।

बाद में जाके बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। विधायक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वतःसंज्ञान लेकर मामले की सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस को जवाब तलब किया है।

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