राहुल गांधी इस्तीफा वापस न लेने पर अड़े, नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश
By शीलेष शर्मा | Published: June 21, 2019 08:06 AM2019-06-21T08:06:42+5:302019-06-21T08:06:42+5:30
परिवारवाद के 'दाग' को खत्म करने की कवायद: सबसे पहले ए. के. एंटोनी का नाम पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सामने आया था, लेकिन एंटोनी ने खुद ही अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया, यह दलील देते हुए कि वे राहुल को ही अध्यक्ष देखना चाहते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा वापस नहीं लेने की जिद पर अड़े रहने के बाद पार्टी में नए अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता आपसी सहमति बनाने में जुटे हैं ताकि बिना किसी विवाद के नए अध्यक्ष का चयन किया जा सके. सूत्रों ने दावा किया कि नए अध्यक्ष के चयन में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की मुख्य भूमिका होगी. क्योंकि राहुल गांधी इस मुद्दे पर किसी नेता के साथ चर्चा के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं.
संसद के केंद्रीय कक्ष से बाहर निकलते हुए राहुल ने खुद इस बात की पुष्टि यह कहते हुए की कि उन्होंने इस्तीफा वापस नहीं लेने का दृढ़ निश्चिय कर लिया है और इस पर पीछे हटने का सवाल नहीं है. उन्होंने यह भी साफ किया कि नए अध्यक्ष के चुनने का काम पार्टी का है, पार्टी इस पर विचार करेगी लेकिन मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं होगी. बावजूद इसके मैं पार्टी के लिए काम करता रहूंगा और जो नया अध्यक्ष बनेगा उसे पूरा सहयोग करुंगा.
गौरतलब है कि राहुल ने लोकसभा चुनाव परिणामों के तुरंत बाद हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद से अभी तक नया अध्यक्ष नहीं चुना जा सका है. हालांकि पार्टी के कुछ नेता राहुल पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि संकट की इस घड़ी में जब पार्टी बुरी तरह लोकसभा चुनाव हार गई है राहुल को अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए. शिंदे, वासनिक और चव्हाण के नाम की चर्चा पार्टी सूत्र बताते हैं कि नए अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही है उनमें अशोक गहलोत और मल्लिकार्जुन खड़गे दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं.
इन दो नामों के अलावा जो और नाम चर्चा में है उनमें सुशील कुमार शिंदे, मुकुल वासनिक, मीरा कुमार, पृथ्वीराज चव्हाण सहित दूसरे नाम शामिल हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मुकुल वासनिक के नाम पर जोर लगा रहे हैं जबकि सुशील कुमार शिंदे को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के निकट होने के कारण मजबूत उम्मीदवार समझा जा रहा है. मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में पार्टी के नेता रह चुके हैं उनको भी सोनिया गांधी का पूरा समर्थन है.
परिवारवाद के 'दाग' को खत्म करने की कवायद: सबसे पहले ए. के. एंटोनी का नाम पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सामने आया था, लेकिन एंटोनी ने खुद ही अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया, यह दलील देते हुए कि वे राहुल को ही अध्यक्ष देखना चाहते हैं. वीरप्पा मोइली ने भी राहुल के अध्यक्ष बने रहने का समर्थन किया है जबकि पार्टी के कुछ नेता परिवारवाद को लेकर भाजपा के हमलों को देखते हुए इस पक्ष में हैं कि फिलहाल राहुल गांधी के स्थान पर पार्टी की कमान किसी अन्य नेता को सौंप दी जाए जिससे भाजपा के उस हमले को नेस्तानाबूद किया जा सके जिसके तहत भाजपा, कांग्रेस को एक परिवार की पार्टी बताकर हमलावर रही है.