नई दिल्ली: अत्याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस भारतीय वायुसेना के सबसे घातक फाइटर जेट राफेल ने अंबाला के लिए उड़ान भर ली है। विमान 29 जुलाई को अंबाला पहुंचने वाला है। ऐसे में एयरलाबेस पर राफेल के स्वागत कि तैयारी भी पूरी हो गई है। साथ ही सुरक्षा के भी ख़ास इंतजाम किए गए हैं।
अंबाला एयरलाबेस के तीन किलोमीटर के दायरे को नो ड्रोन जोन घोषित किया गया है। जबकि सुरक्षा के मद्देनजर पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो एयरफोर्स स्टेशन के आसपास फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
एक हफ्ते में लगेंगे मिशन पर
मालूम हो कि एक हफ्ते के अंदर ही इन विमानों को किसी भी मिशन के लिए तैयार कर लिया जाएगा। इन फाइटर जेट को उड़ाने के लिए कुल 12 पायलटों को ट्रेनिंग दी गई है, जो इसे फ्रांस से लेकर आ रहे हैं।
राफेल को नई पीढ़ी के हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से किया जाएगा लैस
यह विमान विभिन्न प्रकार के शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है। यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीएस की मिटोर, स्कैल्प क्रूज मिसाइल, मीका हथियार प्रणाली राफेल जेट विमानों के हथियार पैकेज में शामिल होंगे। संबंधित सूत्रों ने बताया कि वायुसेना की नजर अब मध्य दूरी के हवा से जमीन पर लक्ष्य भेदने वाली मोड्यूलर हथियार प्रणाली हैमर की खरीद पर टिकी है और इसके लिए उसकी सरकार द्वारा सशस्त्र बलों को अहम हथियारों एवं शस्त्राास्त्रों की तीव्र खरीद के लिए सरकार द्वारा प्रदत्त आपात वित्तीय शक्तियों का इस्तेमाल करने की योजना है।
हैमर फ्रांसीसी रक्षा कंपनी साफरान द्वारा विकसित बिल्कुल सटीक निशाना साधने वाली मिसाइल है। मूल तौर पर इसे फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए विकसित किया गया था। चीन के साथ सीमा गतिरोध के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने इस महीने सेना के तीनों अंगों को आपात अभियान संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिए 300 करोड़ रूपये के अलग-अलग पूंजीगत खरीद कार्यक्रम की विशेष शक्तियां प्रदान की है।