राफेल सौदा ‘‘इतना बड़ा घोटाला जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती’’: प्रशांत भूषण

By भाषा | Updated: September 9, 2018 02:00 IST2018-09-09T02:00:22+5:302018-09-09T02:00:22+5:30

उन्होंने इस सौदे से जुड़़ी कथित दलाली की 1980 के दशक के बोफोर्स तोप सौदे में दी गयी दलाली से तुलना की।

Rafale deal: "Big scam which can not be imagined": Prashant Bhushan | राफेल सौदा ‘‘इतना बड़ा घोटाला जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती’’: प्रशांत भूषण

राफेल सौदा ‘‘इतना बड़ा घोटाला जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती’’: प्रशांत भूषण

अहमदाबाद, नौ सितंबर: उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शनिवार को दावा किया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदा ‘‘इतना बड़ा घोटाला है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते’’। उन्होंने आरोप लगाया कि आफसेट करार के जरिये अनिल अम्बानी के रिलायंस समूह को ‘‘दलाली (कमीशन)’’ के रूप में 21,000 करोड़ रुपये मिले। उन्होंने इस सौदे से जुड़़ी कथित दलाली की 1980 के दशक के बोफोर्स तोप सौदे में दी गयी दलाली से तुलना की।

अंबानी ने इससे पहले आरोप से इनकार किया था। भूषण ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने केवल सौदे में अनिल अम्बानी की कंपनी को जगह देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से ‘‘समझौता’’ किया, भारतीय वायु सेना को ‘‘बेबस’’ छोड़ दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘राफेल सौदा इतना बड़ा घोटाला है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। बोफोर्स 64 करोड़ रुपये का घोटाला था जिसमें चार प्रतिशत कमीशन दिया गया था। इस घोटाले में कमीशन कम से कम 30 प्रतिशत है। अनिल अम्बानी को दिए गए 21,000 करोड़ रुपये केवल कमीशन हैं, कुछ और नहीं।’’ 

राफेल सौदे के बाद लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट ने भारतीय कंपनियों के लिए व्यापार के सृजन के दायित्वों का पालन करने के लिए रिलायंस ग्रुप के साथ एक संयुक्त उद्यम शुरू किया। भूषण ने पूछा कि वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी और उसने किस तरह अपनी जरूरत ‘‘कम की’’ और नये सौदे से तकनीक वाली उपधारा ‘‘गायब’’ होने पर सवाल किए।

रिलायंस समूह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पिछले माह अंबानी द्वारा भेजे गये पत्र का उल्लेख करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘रिलायंस को करोड़ों रूपये का लाभ पहुंचाने के आरोप कल्पना की उपज हैं जिन्हें निहित स्वार्थों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।’’ 

उन्होंने केंद्र पर गोपनीयता सबंधी उपधारा के नाम पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सौदे की एक संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की विपक्ष की मांग ‘‘पूरी तरह जायज है।’’ 

Web Title: Rafale deal: "Big scam which can not be imagined": Prashant Bhushan

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