राफेल विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट में होगी अहम सुनवाई, सरकार के द्वारा पेश दस्‍तावेजों की जांच करेगी अदालत

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 14, 2018 05:41 AM2018-11-14T05:41:21+5:302018-11-14T05:41:21+5:30

केंद्र सरकार ने सीलबंद लिफाफे में राफेल विमान की कीमत की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को 12 नंवबर को दी थी। आज इस मामले की अहम सुनवाई कोर्च में होनी है।

Rafael Controversy: Today's Supreme Court will hear important hearing | राफेल विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट में होगी अहम सुनवाई, सरकार के द्वारा पेश दस्‍तावेजों की जांच करेगी अदालत

राफेल विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट में होगी अहम सुनवाई, सरकार के द्वारा पेश दस्‍तावेजों की जांच करेगी अदालत

केंद्र सरकार ने सीलबंद लिफाफे में राफेल विमान की कीमत की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को 12 नंवबर को दी थी। आज इस मामले की अहम सुनवाई कोर्च में होनी है। कोर्ट के सामने केन्द्र ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे की कीमत से संबंधित विवरण सोमवार को सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश किया था। इन सभी पर आज कोर्ट अपनी बात रखेगा और सरकार से एक बार फिर से सवाल कर सकता है।

इससे पहले विमान के भारत में निर्माण के लिए फ्रेंच कंपनी की तरफ से भारतीय पार्टनर कंपनी चुने जाने की प्रक्रिया के बारे में भी सरकार ने याचिकाकर्ताओं को बताया है। ये जानकारी मुहैया करवाने का आदेश कोर्ट ने सरकार को दिया था।

याचिकाकर्ताओं को सौंपी गई करीब 14 पन्ने की जानकारी में सरकार ने कहा है कि उसने रक्षा खरीद पर पिछली सरकार की तरफ से 2013 में तय प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया है।

सरकार ने बताया 

केन्द्र सरकार के वकील ने बताया कि सीलबंद लिफाफे में न्यायालय को इन विमानों की कीमतों से अवगत कराया गया है। शीर्ष अदालत ने 31 अक्टूबर को केन्द्र सरकार से कहा था कि इन 36 लड़ाकू विमानों की कीमतों का विवरण दस दिन के भीतर पेश किया जाये।

हालांकि, इस मामले में सुनवाई की पिछली तारीख पर केन्द्र विमानों की कीमतों का विवरण देने के लिये अनिच्छुक था और अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा भी था कि इनकी कीमतों को संसद से भी साझा नहीं किया गया है।

शीर्ष अदालत 36 लड़ाकू राफेल विमानों की कीमतों के बारे में सीलबंद लिफाफे में पेश किये गये इस विवरण का 14 नवंबर को अवलोकन करेगी। न्यायालय में राफेल सौदे से संबंधित याचिकाएं 14 नवंबर को सुनवाई के लिये ही सूचीबद्ध हैं।

नहीं थी जानकारी
वहीं, इससे पहले भाजपा के मीडिया सेंटर में मेघवाल ने कहा, ''मैं यह कह रहा हूं कि मुझे पूरी जानकारी है और जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। इन्हें (कांग्रेस को) पीड़ा तब हुई जब संजय भंडारी के जरिए सौदा नहीं हुआ। हमने बिचौलिए को भगाया। दो देशों के बीच समझौता किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2006 से लेकर 2013 तक राफेल सौदे के मुद्दे को सुलझा नहीं पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि वायुसेना द्वारा बार बार मांग किए जाने के बावजूद उसकी नहीं सुनी गई। ''क्योंकि कांग्रेस संजय भंडारी की सुन रही थी, जो बीच में एक दलाल था। जो राबर्ट वाड्रा का खास था। वह उनके माध्यम से सौदा करना चाह रहे थे। अपेक्षाकृत कम कीमत में किया सौदा: मेघवाल ने दावा किया कि मोदी सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान का सौदा अपेक्षाकृत कम कीमत में किया है।

उन्होंने कहा, ''कांग्रेस संप्रग-एक के कार्यकाल में दी गई दरों का तो जिक्र कर रही है, लेकिन संप्रग-दो के कार्यकाल में 2012-13 में दी गऊ दरों का जिक्र क्यों नहीं कर रही? वे दरें हमारी दरों से ज्यादा थीं. हमारा राफेल का साधारण विमान नौ प्रतिशत कम कीमत व लड़ाकू विमान 25 प्रतिशत कम कीमत पर खरीदने का प्रस्ताव है.'' सामने आ जाएगा कि झूठ बोल रही है कांग्रेस: उन्होंने कहा कि राफेल का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और देश के सामने आ जाएगा कि कांग्रेस झूठ बोल रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इससे पहले राजस्थान में फर्जी मतदाताओं के मामले में भी कांग्रेस नेताओं की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई थीं. उन्होंने कहा 'कांग्रेस को झूठ बोलने की बीमारी है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Web Title: Rafael Controversy: Today's Supreme Court will hear important hearing

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे