कूनो नेशनल पार्क में छह चीतों के गले से हटाये गये रेडियो कॉलर, दो चीतों को 'गंभीर संक्रमण'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 24, 2023 08:05 AM2023-07-24T08:05:15+5:302023-07-24T08:19:41+5:30

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से लाये गये चीतों की लगातार हो रही मौतों का क्रम रोकने के लिए वन्यजीव अधिकारियों ने कुल 6 चीतों की गर्दन पर लगे रेडियो कॉलर को हटा दिया है।

Radio collars removed from six cheetahs in Kuno National Park, two cheetahs 'severe infection' | कूनो नेशनल पार्क में छह चीतों के गले से हटाये गये रेडियो कॉलर, दो चीतों को 'गंभीर संक्रमण'

कूनो नेशनल पार्क में छह चीतों के गले से हटाये गये रेडियो कॉलर, दो चीतों को 'गंभीर संक्रमण'

Highlightsकूनो नेशनल पार्क में 6 चीतों की गर्दन पर लगा रेडियो कॉलर हटाया गया जिन 6 चीतों को रेडियो कॉलर से मुक्त किया गया है, उनमें से 2 चीतों को भयानक संक्रमण हुआ हैदक्षिण अफ्रीका से कूनो लाये गये 20 चीतों में से कम से कम आठ की अभी तक मौत हो चुकी है

नयी दिल्ली: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से लाये गये चीतों की लगातार हो रही मौतों का क्रम रोकने के लिए वन्यजीव अधिकारियों ने कुल 6 चीतों की गर्दन पर लगे रेडियो कॉलर को हटा दिया है। जानकारी के मुताबिक जिन 6 चीतों को रेडियो कॉलर से मुक्त किया गया है, उनमें से 2 चीतों को रेडियो कॉलर के कारण भयानक संक्रमण हुआ है।

इस संबंध में वन्य अधिकारियों ने कहा कि बीते 11 और 14 जुलाई को दो चीतों की मौत के बाद रेडियो कॉलर हटाने का फैसला किया गया था। समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार रेडियो कॉलर के कारण गंभीर संक्रमण से जूझ रहे दोनों चीतों का इलाज किया जा रहा है।

इससे पूर्व दक्षिण अफ़्रीका को चीता विशेषज्ञों ने चीतों की लगातार हो रही मौत के पीछे उनके गर्दन में लगे रेडियो कॉलर को जिम्मेदार ठहराया था। इस संबंध में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य वन्यजीव वार्डन जेएस चौहान ने भी अफ्रीकी विशेषज्ञों की बात से सहमति जताते हुए चीतों को रेडियो कॉलर से मुक्त करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि इस बात की पूरी आशंका है कि रेडियो कॉलर से चीतों में संक्रमण पैदा हो रहा हो।

कूनो नेशनल पार्क में चीतों पर बारीक निगाह रखने वाले वन अधिकारियों ने रविवार को कहा कि छह चीतों पावक, आशा, धीरा, पवन, गौरव और शौर्य की गर्दन से रेडियो कॉलर हटा दिए और उनकी चिकित्सीय जांच की जा रही है।

एक वन्य अधिकारी ने कहा, “चिकित्सा जांच में पता चला है कि कुछ चीतों को घाव हल्के थे, लेकिन गौरव और शौर्य नाम के नर चीतों में रेजियो कॉलर के कारण गंभीर संक्रमण था। हम उनका इलाज कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि भविष्य में उन्हें फिर कभी रेडियो कॉलर की समस्या न उभरे। संक्रमण का एक कारण रेडियो कॉलर का डिज़ाइन भी हो सकता है और इसकी जांच चल रही है।”

मालूम हो कि पिछले सितंबर से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल में लाये गये 20 चीतों में से कम से कम आठ की अभी तक मौत हो चुकी है। इनमें सबसे पहले 27 मार्च को साशा नामक नामीबियाई चीते की मौत हुई थी, जो किडनी की बीमारी से जूझ रहा था। अधिकारियों का मानना ​​है कि साशा को यह समस्या कूनो लाने से पहले ही ही थी।

वहीं 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की दो नर चीतों के साथ लड़ाई में मौत हो गई थी और उसके बाद 11 और 14 जुलाई को दो नर चीतों ताजस और सूरज की मौत हुई थी।

हालांकि वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें ताजस और सूरज की मौत के पीछे रेडियो कॉलर से होने वाले संक्रमण को मुख्य कारण बताया गया था।

Web Title: Radio collars removed from six cheetahs in Kuno National Park, two cheetahs 'severe infection'

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