प्रसार भारती की सामग्री नीलामी नीति पर उठे सवाल, सीईओ ने आरोप से इनकार किया

By भाषा | Updated: October 19, 2021 20:19 IST2021-10-19T20:19:17+5:302021-10-19T20:19:17+5:30

Questions raised on Prasar Bharati's content auction policy, CEO denies allegation | प्रसार भारती की सामग्री नीलामी नीति पर उठे सवाल, सीईओ ने आरोप से इनकार किया

प्रसार भारती की सामग्री नीलामी नीति पर उठे सवाल, सीईओ ने आरोप से इनकार किया

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर प्रसार भारती द्वारा प्रस्तावित सामग्री ‘सिंडिकेशन’ नीति की विभिन्न तबकों द्वारा आलोचना और "राष्ट्रीय खजाने" की कथित नीलामी पर सवाल उठाए जाने के बीच सार्वजनिक प्रसारक के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने आरोपों से इनकार किया है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सांसद एस वेंकटेशन ने इसी सप्ताह सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को एक पत्र लिख कर कहा था कि यह "यह गौर करना अफसोसजनक है कि मुद्रीकरण ऐतिहासिक 'खजाने' के विपणन तक चला गया है... इसका इस देश की राजनीति के साथ ही शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।"

वेंकटेशन ने सरकार पर आरोप लगाया कि केवल राजकोषीय घाटे के प्रबंधन की अल्पकालिक जरूरतों के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है।

प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने भी इस कदम पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट किया, "हमारे देश के अमूल्य रिकॉर्ड की यह 'नीलामी' वास्तव में क्या है? तुरंत स्पष्ट करें!?"

वेम्पति ने प्रस्तावित नीति के प्रावधानों को स्पष्ट करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और कहा कि दस्तावेज़ की "गलत व्याख्या" की गयी है।

उन्होंने कहा, "ऐसा कोई फैसला नहीं किया गया है। सामग्री अधिकारों को ‘सिंडिकेट’ करने के लिए हाल ही में अधिसूचित नीति की गलत व्याख्या की गयी है। ये अधिकारों और सीमाओं पर विशिष्ट कानूनी पहलू हैं जिन पर ऐसे किसी भी ‘सिंडिकेशन’ के लाइसेंस समझौतों में गौर किया जाएगा। इस समय केवल व्यापक नीति को अधिसूचित किया गया है। विस्तृत लाइसेंस समझौते ई-नीलामी अधिसूचना का हिस्सा होंगे, जब वे आयोजित किए जाएंगे।’’

उन्होंने माकपा सांसद को जवाब देते हुए ट्वीट किया, "आपके जैसे प्रतिष्ठित और विद्वान व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी, महाशय। ऐसा लगता है कि आपने नीति दस्तावेज नहीं पढ़ा है। कृपया इसे पढ़ लें।"

लेखक और संपादक विजय साई ने कॉपीराइट से जुड़े मुद्दों को लेकर सवाल किया और पूछा कि अभिलेखीय सामग्री के लिए रॉयल्टी किसे मिलेगी।

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Web Title: Questions raised on Prasar Bharati's content auction policy, CEO denies allegation

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