कांग्रेस ने संघीय ढांचे को उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी को याद दिलाया कि वे सहकारी संघवाद की बात करते हैं लेकिन इस पर अमल होता नहीं दिख रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने यह सवाल उठाते हुए सरकार को चेताया कि केंद्र और राज्यों के बीच टकराव का रास्ता देश के राष्ट्रीय हित को आहत करता है।
दरअसल यह सवाल वैक्सीन की किल्लत को लेकर उठाया गया है जिसके तहत मोदी सरकार राज्यों को सीधे वैक्सीन आयात करने की हिदायत दी है लेकिन वैक्सीन निर्माता विदेशी कंपनियां राज्यों को सीधे वैक्सीन देने के लिए तैयार नहीं हो रही हैं। गौरतलब है कि इस मुद्दे पर तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री पहले ही सवाल उठा चुके हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आज सवाल उठाये और ट्वीट किया , "जीते जी ढंग से इलाज़ नहीं मिला। कितनों को सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं मिला। सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली। अब चिताओं से रामनामी भी छीनी जा रही है। छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है , यह कौन सा सा सफाई अभियान है "
स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। आनंद शर्मा की सलाह थी कि प्रधानमंत्री मोदी संघीय ढाँचे को बचाने के लिए मुख्यमंत्रियों से बातचीत करें , बिना इस बात का भेद किये के उनके बीच विचार धाराओं का विरोध है। आनंद शर्मा का मानना था कि राजनीति में विरोध व्यक्तिगत नहीं होते हैं।