सावरकर की साख पर सवाल, फड़नवीस ने कहा- ‘वीर सावरकर कितने ‘वीर’ किताब को प्रतिबंधित करें सीएम ठाकरे
By भाषा | Updated: January 3, 2020 19:19 IST2020-01-03T19:19:08+5:302020-01-03T19:19:08+5:30
किताब में एक देशभक्त के तौर पर विनायक दामोदर सावरकर की साख पर सवाल उठाए गए हैं। ‘‘वीर सावरकर कितने ‘वीर’?’’ शीर्षक से हिंदी में प्रकाशित किताब को मध्य प्रदेश में कांग्रेस से संबद्ध संगठन के शिविर में बांटा गया था।

फड़नवीस ने इस बारे में कई ट्वीट किए।
भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सेवा दल द्वारा बांटी गई किताब को प्रतिबंधित करने की मांग की।
किताब में एक देशभक्त के तौर पर विनायक दामोदर सावरकर की साख पर सवाल उठाए गए हैं। ‘‘वीर सावरकर कितने ‘वीर’?’’ शीर्षक से हिंदी में प्रकाशित किताब को मध्य प्रदेश में कांग्रेस से संबद्ध संगठन के शिविर में बांटा गया था।
किताब में आरोप लगाया गया है कि अंडमान सेलुलर जेल से रिहा होने के बाद सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने पेंशन दी थी और उनके तथा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसी किताब बांटकर अपनी ‘‘दुष्ट’’ मानसिकता का परिचय दिया है, जो उसके ‘‘बौद्धिक दिवालिएपन’’ को दिखाती है।
How long is Shiv Sena going to tolerate Savarkar's humiliation: Fadnavis
— ANI Digital (@ani_digital) January 3, 2020
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उन्होंने शिवसेना संस्थापक के लिए इस्तेमाल होने वाले विशेषण ‘‘हिंदू हृदय सम्राट’’ का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘‘भाजपा इस किताब की कड़ी निंदा करती है। आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे आज अगर हमारे बीच होते तो वह अपने चिरपरिचित अंदाज में इस पर (किताब पर) सबसे पहले प्रतिक्रिया देते।’’
फड़नवीस ने इस बारे में कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, ‘‘आज ऐसी उम्मीद तो नहीं की जा सकती लेकिन आशा है कि मुख्यमंत्री इस किताब को प्रतिबंधित करने की तत्काल घोषणा करें।’’ उन्होंने शिवसेना से यह भी जानना चाहा कि ऐसी दिवालिया पार्टी के साथ अप्राकृतिक गठबंधन बनाने वाली शिवसेना क्या सत्ता की खातिर अपने ‘‘देवता तुल्य’’ सावरकर का बार-बार अपमान झेलती रहेगी।
भाजपा से रिश्ता तोड़कर शिवसेना ने महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनायी है। इससे पहले दिन में शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस किताब की आलोचना की। राउत ने कहा, ‘‘वीर सावरकर एक महान शख्सियत थे और वह हमेशा महान रहेंगे।
एक धड़ा हमेशा उनके खिलाफ बोलता रहा है। यह उनके दिमाग की 'गंदगी' को दिखाता है।’’ पिछले महीने कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निशाना साधते हुए कहा था कि उनका नाम ‘‘राहुल सावरकर’’ नहीं है और इसके लिए (बलात्कार वाली अपनी टिप्पणी पर) वह कभी माफी नहीं मांगेंगे, इस पर शिवसेना नाराज हो गई थी।