किसान आंदोलन के बीच पंजाब के कृषि वैज्ञानिक ने ठुकराया मोदी सरकार का अवॉर्ड, मंच से बोले- मेरा जमीर इजाजत नहीं देता
By अनुराग आनंद | Published: December 10, 2020 08:12 AM2020-12-10T08:12:06+5:302020-12-10T08:17:01+5:30
कृषि वैज्ञानिक वरिंदर पाल सिंह ने कहा कि जब हमारे देश के किसान सड़कों पर हैं, तो ऐसे समय में हमारा जमीर हमको यह पुरस्कार लेने की इजाजत नहीं देता है।
नई दिल्ली: पंजाब के रहने वाले कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर वरिंदर पाल सिंह ने किसानों के प्रदर्शन के बीच स्टेज पर जाकर केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा से एक पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जब कृषि वैज्ञानिक को मंच पर बुलाया गया तो इस दौरान मंच से उन्होंने कहा कि जब हमारे देश के किसान सड़कों पर हैं, तो ऐसे समय में हमारा जमीर हमको यह पुरस्कार लेने की इजाजत नहीं देता है। यही नहीं उन्होंने स्टेज पर किसानों के समर्थन में नारे भी लगाए।
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) के प्रिंसिपल हैं डॉक्टर वरिंदरपाल सिंह
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) के प्रिंसिपल सोयल केमिस्ट डॉक्टर वरिंदरपाल सिंह, सोमवार को राजधानी में फर्टिलाइजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बुलाए जाने पर मंच पर गए, लेकिन केंद्रीय मंत्री से पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया।
दरअसल, उन्हें यह गोल्डन जुबली अवॉर्ड पौधे के पोषण के क्षेत्र में काम की मान्यता मिलने के बाद दिया जा रहा था। वरिंदरपाल सिंह ने पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा होते ही मंच पर कदम रखा, लेकिन इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र की प्रतियां सौंपीं। इस समय मंच पर मंत्री सदानंद गौड़ा के अलावा डॉक्टर सतीश चंदर, निदेशक, एफएआई भी थे।
वरिंदरपाल सिंह ने इस दौरान मंच से एक बेहद छोटा भाषण दिया
वरिंदरपाल सिंह ने इस दौरान मंच से एक बेहद छोटा भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मेरी अंतरात्मा मुझे इस पुरस्कार को प्राप्त करने की अनुमति नहीं देती है जब हमारे किसान सड़कों पर हैं। इस दौरान अपना एक हाथ उठाते हुए उन्होंने कहा कि हम किसानों का समर्थन करते हैं। इसके बाद मंच से वह दर्शकों के बीच अपनी सीट पर लौट आए, आयोजकों द्वारा पुरस्कार स्वीकार करने के लिए बार-बार अनुरोध को उन्होंने ठुकरा दिया।