होशियारपुर (पंजाब), 12 दिसंबर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन स्थगित किए जाने के बाद दिल्ली की सीमाओं पर स्थित धरना स्थलों से अपने घर लौटे किसानों का पंजाब में यहां ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
किसानों को ‘सरोपा’ (पगड़ी) बांधी गईं। तीन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ "जीत" पर ग्रामीणों ने उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं और मिठाई बांटी। इन कानूनों को हाल में केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है।
किसानों को लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के काफिले के जिले में पहुंचने के बाद टांडा और मेहतियाना के पास चोलंग टोल प्लाजा पर विजय जुलूस निकाला गया।
किसानों का स्वागत करने के लिए हर वर्ग के लोग चोलंग टोल प्लाजा, जालंधर-पठानकोट जीटी रोड पर टांडा और होशियारपुर-फगवाड़ा रोड पर मेहतियाना पर स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप और ट्रैक्टर से पहुंचे।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे अपने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया था और ऐलान किया था कि किसान अपने घरों को वापस जाएंगे। इससे पहले केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया था।
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर से लौटे किसानों में शामिल दोआबा किसान कमेटी के प्रमुख (टांडा ब्लॉक) जंगवीर सिंह ने पंजाब के लोगों का उन पर विश्वास जताने के लिए धन्यवाद दिया और कृषि कानूनों को निरस्त करने की "ऐतिहासिक जीत" के लिए बधाई दी।
किसान नेता रंजीत सिंह बैंस ने संवाददाताओं से कहा कि किसान आंदोलन ने न सिर्फ केंद्र सरकार को विवादास्पद कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर किया है, बल्कि देश भर में खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों के बीच भाईचारे को मजबूत किया है।
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