पंजाब के मंत्री राणा ने दिया इस्तीफा, खदानों की नीलामी में गड़बड़ी के लगे थे आरोप
By रामदीप मिश्रा | Published: January 16, 2018 09:58 AM2018-01-16T09:58:16+5:302018-01-16T11:30:51+5:30
सूबे की विधानसभा में आप ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को एक आरोप पत्र भेज कर रेत माफिया के संबंध में सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई थी।
रेत खदानों की कुछ महीने पहले हुई नीलामी में गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद मंगलवार (16 जनवरी) को पंजाब के राणा गुरजीत सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफा सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंप दिया है। राणा को अमरिंदर सिंह का करीबी कहा जाता रहा है। वे प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कैबिनेट का हिस्सा थे।
उनके पास ऊर्जा एवं सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी थी। पिछले महीनों पंजाब में रेत की खदानों को नीलाम किया गया था, जिसके बादराणा गुरजीत पर गलत तरीके से अपनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था। इस मामले के बाद से राणा गुरजीत पंजाब में नेता विपक्ष और आम आदमी पार्टी (आप) के निशाने पर थे।
इसके साथ ही कुछ दिनों पहले गुरजीत के बेटे को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉड्रिंग के मामले में सम्मन जारी किया गया था। माना जा रहा था कि विपक्ष के हमलों को चलते कांग्रेस सरकार और पार्टी की छवि के नुकसान को कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने मन बना लिया था कि राणा गुरजीत की कैबिनेट से छुट्टी कर दी जाए।
उल्लेखनीय है कि सूबे की विधानसभा में आप नेता सुखपाल खैहरा ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को एक आरोप पत्र भेज कर रेत माफिया के संबंध में सीबीआई जांच कराने की की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि सीएम अमरिंदर राणा गुरजीत को मंत्री पद से हटाएं क्योंकि वह जांच में साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं।