पंजाब: कोविड संकट के बीच बाबा रोडेशाह की समाधि पर शराब चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में जमा हुए श्रद्धालु
By भाषा | Updated: March 25, 2021 12:08 IST2021-03-25T11:29:52+5:302021-03-25T12:08:08+5:30
Baba Rode Shah shrine: पंजाब के अमृसर में बाबा रोडेशाह की समाधि पर शराब चढ़ाने की परंपरा है। पिछले 90 सालों से यहां ये उत्सव होता है।

बाबा रोडेशाह की समाधि पर शराब चढ़ाने की होती है परंपरा (फोटो-एएनआई)
फतेहगढ़ चूड़ियां (पंजाब): पंजाब के अमृसर स्थित बाबा रोडेशाह की समाधि पर शराब चढ़ाने एवं उनका आशीर्वाद लेने के लिए बुधवार को लोगों की भारी भीड़ जुटी और इस दौरान कोविड-19 नियमों का पालन होते नहीं दिखा।
राज्य में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं इसके बवाजूद कई श्रद्धालु बिना मास्क पहने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करते दिखाई दिए। अमृतसर-फतेहगढ़ चूड़ियां रोड के भोमा गांव स्थित समाधि पर पिछले 90 साल से यह उत्सव होता आ रहा है जिसका समापन बुधवार को हुआ।
भोमा गांव के सरपंच एवं बाबा के रिश्तेदार गुरनेक सिंह जो समाधि का प्रबंधन करते हैं, ने बताया कि बाबा बर्तन में शराब एकत्र करते थे और उसे श्रद्धालुओं में बांटते थे लेकिन उन्होंने खुद कभी शराब नहीं पी। उन्होंने बताया कि शराब यहां साल सालभर चढाई जाती है लेकिन उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है।
#WATCH | Devotees offered liquor at Baba Rode Shah shrine and distributed it among themselves as 'prasad' during a two-day annual fair that started in Bhoma village in Amritsar district of Punjab on Tuesday. pic.twitter.com/hHACdlU34b
— ANI (@ANI) March 23, 2021
गांव के ही गुरुसेवक सिंह ने बताया कि पहले एक दिन पुरुष और दूसरे दिन महिलाएं शराब चढ़ाने आती थीं लेकिन समय के साथ पुरुष एवं महिलाएं एक ही समय समाधि पर शराब चढ़ाने आने लगीं।
लोककथा के मुताबिक बाबा गुरदासपुर के धावान गांव के रहने वाले थे और वर्ष 1896 में वह अपना परिवार छोड़ कर भोमा गांव में बस गए थे।
कहा जाता है कि भोमा का एक किसान शादी के कई साल बाद भी संतान नहीं होने पर बाबा के पास आया और उनके आशीर्वाद से किसान को एक बेटा हुआ। किसान ने 500 रुपये का चढ़ावा चढ़ाया लेकिन बाबा ने लेने से इनकार कर दिया और उन्होंने दंपति से एक बोतल शराब खरीदकर श्रद्धालुओं में बांटने को कहा,तब से श्रद्धालु यहां शराब चढ़ाते हैं।