पंजाब कांग्रेस विवाद: सीएम अमरिंदर सिंह से मिले पांच सांसद, कहा-2022 विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ा जाए
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 10, 2021 03:39 PM2021-06-10T15:39:12+5:302021-06-10T15:40:49+5:30
पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह के बीच पार्टी के पांच सांसदों ने मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा कि जनता चाहती है कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते रहें।
चंडीगढ़ः पंजाबकांग्रेस में तकरार के बीच पार्टी के पांच सांसदों ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाकात की। सांसदों ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाए।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर भरोसा जताने वाले सांसदों में प्रणीत कौर, जसबीर सिंह गिल, संतोख सिंह चौधरी, डॉक्टर अमर सिंह और मोहम्मद सादिक शामिल हैं। सदों ने कहा कि पंजाब की जनता केवल अमरिन्दर सिंह को मुख्यमंत्री देखना चाहती है। सांसदों ने कहा कि कांग्रेस आसानी से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर राज्य की जनता के विकास के पार्टी के एजेंडे को आगे ले जाएगी।
दिल्ली में अपने विधायकों के साथ बैठक की
सांसदों ने मुख्यमंत्री से 2022 के चुनावों के लिए चुनावी रणनीति पर चर्चा करने का आह्वान किया। हाल ही में, कांग्रेस आलाकमान ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था और पार्टी की राज्य इकाई में मतभेदों को सुलझाने के लिए दिल्ली में अपने विधायकों के साथ बैठक की थी।
उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता सिर्फ अमरिंदर सिंह को अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व और राज्य के लिए दूरदृष्टि पर भरोसा जताते हुए सांसदों ने दोहराया कि राज्य के लोगों के लिए पार्टी के चल रहे विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस आराम से विधानसभा चुनाव जीत जाएगी।
2022 में कांग्रेस जीतेगी
अगले विधानसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस के लिए कोई चुनौती नहीं है, सांसदों ने कहा कि हर पंजाबी एक बार फिर अमरिंदर सिंह को 2022 में भारी वोट देकर उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता पर मुहर लगाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नहीं है जो अमरिंदर सिंह के शासन रिकॉर्ड, प्रशासनिक अनुभव और विशेषज्ञता के करीब भी आ सके, जिसकी पंजाब को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर कोविड के खिलाफ लड़ने और एक बार फिर से अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है।
सांसदों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों और नीतियों को और अधिक आक्रामक तरीके से जमीन पर उतारकर अगला चुनाव एकजुट होकर लड़ेगी। पंजाब के 13 लोकसभा सांसदों में से आठ कांग्रेस के हैं। मनीष तिवारी (आनंदपुर साहिब), गुरजीत सिंह औजला (अमृतसर) और रवनीत सिंह बिट्टू (लुधियाना) मुख्यमंत्री से मिलने वाले समूह का हिस्सा नहीं थे।
कांग्रेस की समिति ने सोनिया को रिपोर्ट सौंपी
कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी अंतरिमअध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी। पार्टी सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने सोनिया को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है। अब कांग्रेस आलकमान जल्द ही कोई फार्मूला तय करेगा ताकि पंजाब में कलह को खत्म किया जा सके।’’ समिति ने हाल ही में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली थी।
खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं। गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।