पंजाबकांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों की कश्मीर और पाकिस्तान पर विवादित टिप्पणी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक विवादास्पद स्केच सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने दोनों सलाहकारों मलविंदर सिंह माली और डॉ प्यारे लाल गर्ग अपने पटियाला स्थित आवास पर बुलाया. इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू और सलाहकारों के बीच काफी देर तक चर्चा हुई.
इसके बाद जब सिद्धू के सलाहकार प्यारे लाल गर्ग से मीडियाकर्मियों द्वारा सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि, आज हमने सिद्धू जी से राज्य के विकास के मुद्दों पर बात की. जब कोई सरकार अच्छा काम करती है तो हम उसकी सराहना करते हैं, अगर वह खराब काम करती है तो हम उसकी भी आलोचना करते हैं.
बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान पर पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों की विवादित टिप्पणी के मामले में पंजाब कांग्रेस प्रभावरी हरीश रावत ने कहा था कि, मैं पार्टी की ओर से स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. किसी को भी उस स्थिति पर संदेह करने का अधिकार नहीं है, एक बयान जारी करने की तो बात ही छोड़ दें.
हरीश रावत ने कहा था कि मैंने इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी मांगी थी. रावत ने कहा कि, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और कुछ अन्य लोगों का कहना है कि बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, संभावना है कि चुनाव के समय राजनीतिक लाभ लिया जा रहा है.
इसके अलावा हरीश रावत ने कहा कि, पूर्व प्रधानंत्री इंदिरागांदी सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक थीं. इंदिरा जी हमारे लिए एक माँ की तरह हैं. अगर उनके बारे में कुछ अपमानजनक कहा जाता है, तो हम इसकी निंदा करेंगे. इसके साथ ही रावत ने कहा कि, इस पूरे मामले की जांच और जानकारी इक्ट्ठा की जा रही है. अगर इस दौरान को दोषी साबित होता है तो उसका खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों को चेतावनी देते हुए कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार कश्मीर और पाकिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कोई टिप्पणी न करें. पंजाब सीएम अमरिंद ने कहा कि, कश्मीर और पाकिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कुछ भी बोलना देश के लिए खतरनाक है और इससे अस्थिरता की स्थिति पैदा हो सकती है. बेहतर है कि इन मुद्दों से बचा जाए.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से कहा था कि वे अपने सलाहकारों को कहें कि अगर किसी मुद्दे की जानकारी न हो तो उस पर न बोलें. सलाहकारों को नहीं पता कि उनके कुछ भी बोलने का असर क्या होता है.
दरअसल, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने बीते दिनों एक ऐसा बयान दिया था जिसके बाद विवाद की स्थिति बन गई थी. सिद्धू के सलाहकार माली ने कहा था कि कश्मीर एक अलग देश है. कश्मीर कश्मीरी लोगों का देश है.
इसके साथ ही माली ने अपने बयान में यह भी कहा था कि वर्ष 1947 में अंग्रेजों ने भारत को छोड़ते हुए समझौते और यूएनओ के फैसले का उलंघन करते हुए कश्मीर देश के दो टुकड़े कर दिए गए. इस पर पाकिस्तान और भारत ने कब्जा किया हुआ.
सिद्धू के सलाहकार के ये बयान जैसे ही आया मानो बवाल मच गया. पंजाब में अमरिंदर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री अमरिंद सिंह ने बयान जारी कर कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार हर मुद्दे पर न बोलें. ये मुद्दे देश की स्थिरता और शांति से जुड़े हुए हैं.