पंजाब मंत्रिमंडल ने पानी के बकाया बिल माफ करने का निर्णय लिया

By भाषा | Published: October 18, 2021 08:57 PM2021-10-18T20:57:03+5:302021-10-18T20:57:03+5:30

Punjab cabinet decides to waive water bills | पंजाब मंत्रिमंडल ने पानी के बकाया बिल माफ करने का निर्णय लिया

पंजाब मंत्रिमंडल ने पानी के बकाया बिल माफ करने का निर्णय लिया

चंडीगढ़, 18 अक्टूबर पंजाब सरकार ने सोमवार को शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति शुल्क का बकाया और गांवों में ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के लंबित बिजली बिल माफ करने का फैसला किया। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस राहत की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस फैसले से राज्य पर करीब 1,800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम सभी शहरों के जलापूर्ति शुल्क के बकाये के 700 करोड़ रुपये माफ कर रहे हैं।”

एक आधिकारिक बयान में बाद में बताया गया कि मंत्रिमंडल ने घरेलू कनेक्शन के लिये बकाये जलापूर्ति व अवजल शुल्क को माफ करने का भी फैसला किया है।

चन्नी ने कहा, “गांवों में पंचायतों के पास पानी की आपूर्ति से संबंधित बिल लंबित हैं। हम ग्रामीणों को राहत देने के लिए उनके 1,168 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को माफ कर रहे हैं।

बयान के मुताबिक, बैठक में ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के 1,168 करोड़ रुपये के बिजली बिलों के बकाया भुगतान के लिए बजटीय सहायता से राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल ने सभी ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को एक अक्टूबर से मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

इसमें कहा गया कि इससे सरकारी खजाने पर 440 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च आएगा।

मंत्रिमंडल ने गांवों में सभी ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं पर सेवा शुल्क को 166 रुपये से घटाकर 50 रुपये प्रति परिवार प्रति माह करने को भी मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल ने नगर परिषदों, नगर पंचायतों और नगर निगमों में 125 वर्ग गज से अधिक के भूखंड के आकार के सभी वर्गों के घरेलू कनेक्शनों के लिए जल उपयोग शुल्क को घटाकर 50 रुपये प्रति माह करने का भी निर्णय लिया।

उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्रों में 125 वर्ग गज तक के भूखंडों को पहले ही पानी और अवजल उपभोक्ता शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है।

चन्नी ने कहा, “हम गांवों और शहरों के लिये जल उपयोग शुल्क 50 रुपये तय कर रहे हैं।”

विपक्ष के सरकारी खजाना खाली होने के आरोपों के संदर्भ में चन्नी ने कहा, “पंजाब दा खजाना कदे खाली नहीं हुंदा, ना असी खाली होन देना (पंजाब का खजाना कभी खाली नहीं हुआ, न हम होने देंगे)।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य को सभी सुविधाएं दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने ग्रुप-डी पदों के लिये नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी फैसला किया है। ग्रुप-डी पदों में चपरासी, चालक आदि के पद आते हैं।

उन्होंने ग्रुप-डी के पदों के लिए ‘आउटसोर्स’ आधार पर लोगों की नियुक्ति के लिये पिछली सरकारों की आलोचना भी की।

संविदा कर्मचारियों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए इस संबंध में एक नीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।

चन्नी के साथ उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी, कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, अरुणा चौधरी, विजय इंदर सिंगला और परगट सिंह भी थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Punjab cabinet decides to waive water bills

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे