चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य (Punjab Bidget 2022) के लिए पहला बजट सोमवार को पेश कर दिया। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस दौरान विधानसभा में ऐलान किया कि 1 जुलाई से पंजाब में मु्फ्त बिजली देने का वादा पूरा किया जाएगा। उन्होंने 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि एक जुलाई से हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का प्रावधान किया गया है।
चीमा ने विधानसभा में कहा कि पंजाब के बजट (2022-23) को अंतिम रूप देने से पहले समाज के हर वर्ग के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया था। उन्होंने ये भी बताया कि बजट के लिए पोर्टल पर करीब 20,384 सुझाव प्राप्त हुए। वित्त मंत्री ने कहा कि इन्हीं सुझाव के बाद बजट तैयार किया गया है और इसमें कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों पर खासतौर से ध्यान दिया गया है।
पंजाब: शिक्षा के बजट में इजाफा
पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से पेश इस पहले बजट में शिक्षा पर खर्च को लेकर विशेष ध्यान दिया गया है। शिक्षा के बजट में राज्य सरकार ने बढ़ोतरी की है। स्कूल शिक्षा बजट में पिछले साल के मुकाबले 17 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसके अलावा तकनीकी शिक्षा बजट में 48 प्रतिशत और मेडिकल शिक्षा बजट में 57 फीसदा का इजाफा किया है।
बजट में पंजाब युवा उद्यमी कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत 11वीं कक्षा के छात्र अपने व्यावसायिक प्रस्तावों को दे सकेंगे। राज्य सरकार इस कार्यक्रम के तहत प्रति छात्र 2,000 रुपये की राशि देगी। चीमा ने यह भी घोषणा की कि सरकार पांच वर्षों में 16 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करेगी। सरकार 117 मोहल्ला क्लीनिक भी स्थापित करेगी, जिसके लिए 77 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं 2022-23 के लिए 1,55,860 करोड़ रुपये के बजट व्यय का प्रस्ताव करता हूं, जो 2021-22 की तुलना में 14.20 प्रतिशत अधिक है।’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 26,454 नई भर्तियां करने और 36,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को मंजूरी देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार किसानों के साथ खड़ी रहने का संकल्प लेती है और कृषि क्षेत्र को मुफ्त बिजली देना जारी रखेगी।
'भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखेंगे हम'
चीमा ने पेपरलेस बजट पेश करने के दौरान कहा, 'हमारी सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है...हमारी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से शुरू हुआ।'
चीमा ने आगे कहा, 'पहले साल में हमारा ध्यान तीन विषयों पर मुख्य रूप से होगा। बिगड़ती वित्तीय स्थिति को बेहतर करना, सार्वजनिक धन का प्रभावी उपयोग करके सुशासन के वादों को पूरा करना और स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना।'
(भाषा इनपुट)