कोरोना पर एक्शन में अमरिंदर सरकार, पंजाब में 1 दिसंबर से Night Curfew, सीएम ने लिए ये 5 अहम फैसले
By अनुराग आनंद | Published: November 25, 2020 04:45 PM2020-11-25T16:45:36+5:302020-11-25T16:47:48+5:30
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक बयान में कहा कि राज्य में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के अंदेशे के बीच रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक रात का कर्फ्यू लागू रहेगा। इसके अलावा, जानें राज्य सरकार द्वारा लिए गए 5 अहम फैसलों के बारे में।
नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पंजाब में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में कड़े नियमों का ऐलान किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संबंधी महामारी से निपटने के लिए एक दिसंबर से राज्य में रात्रि कर्फ्यू लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि राज्य में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के अंदेशे के बीच रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक रात का कर्फ्यू लागू रहेगा। इसके अलावा, भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कई अन्य पाबंदियों का ऐलान किया है।
1.एक दिसंबर से मास्क नहीं लगाने पर लगेगा इतना जुर्माना
नई पाबंदियों की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने एक दिसंबर से मास्क नहीं लगाने या एक-दूसरे से दूरी नहीं बनाने पर जुर्माने को दोगुना करने का निर्देश दिया। मास्क नहीं लगाने या एक-दूसरे से दूरी नहीं बनाने पर जुर्माना 500 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया जाएगा।
2.दिसंबर के पहले दिन से ये नियम भी लागू
बता दें कि 1 दिसंबर से सभी होटल, रेस्तरां और विवाह स्थलों को रात 9:30 बजे बंद करने का निर्देश दिया गया है। 15 दिसंबर को इन पाबंदियों की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि लोगों को 15 दिसंबर तक कड़ाई से नियमों का पालन करना होगा।
3.प्राइवेट अस्पताल की भी समीक्षा होगी
दिल्ली से पंजाब में इलाज के लिए आने वाले रोगियों के प्रवाह को देखते हुए राज्य के निजी अस्पतालों में बेड उपलब्धता की समीक्षा और अनुकूलन करने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव विनी महाजन को संबंधित विभागों के साथ काम करने के लिए कहा गया है, ताकि वे अधिक निजी अस्पतालों को बोर्ड पर आने के लिए प्रोत्साहित करें और कोविड की देखभाल के लिए बेड की व्यवस्था करें।
4. आपातकालीन नियुक्तियां करने का भी निर्देश
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों को विशेषज्ञों, सुपर-विशेषज्ञों, नर्सों और पैरामेडिक्स की आपातकालीन नियुक्तियां करने का भी निर्देश दिया है। इसके साथ ही विभागों से यह भी कहा गया है कि भविष्य आवश्यक होने पर चौथे और पांचवें साल के एमबीबीएस छात्रों को बैक-अप के रूप में तैयार करने पर विचार करें।
5. आरटी-पीसीआर परीक्षण क्षमता को बढ़ाने का दवाब
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना वायरस की टेस्टिग को मजबूत करने और रोजाना 25,500 आरटी-पीसीआर परीक्षण क्षमता का पूरा उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।