पुलवामा हमले पर बोले पीएम मोदी, वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे, कैसी-कैसी बातें हुईं
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 31, 2020 04:41 PM2020-10-31T16:41:47+5:302020-10-31T16:41:47+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे, वो पुलवामा हमले में भी अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। देश भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए।
केवड़ियाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा को लेकर विपक्ष पर हमला बोला। मेरे ऊपर कई आरोप लगाये गए। कैसे-कैसे बयान दिए गए। पाकिस्तान ने खुद ही सच स्वीकार कर लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे, वो पुलवामा हमले में भी अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। देश भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए।
देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी। पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो ख़बरें आई हैं जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है।
भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों के हाथ में है
आज भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों के हाथ में है। आज का भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें बना रहा है, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगें बना रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज का भारत पूरी तरह तैयार है।
पीएम ने कहा कि बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है। आज के माहौल में, दुनिया के सभी देशों, सभी सरकारों, सभी पंथों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज़्यादा जरूरत है।
देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी। पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो ख़बरें आई हैं जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है: प्रधानमंत्री https://t.co/ghVtoM5Q7f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 31, 2020
केवड़िया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी अचानक आई, इसने पूरे विश्व में मानव जीवन को प्रभावित किया, हमारी गति को प्रभावित किया है। लेकिन इस महामारी के सामने 130 करोड़ देशवासियों ने जिस तरह अपने सामूहिक सामर्थ्य को साबित किया है वो अभूतपूर्व है।
जिस पुलवामा को लेकर आरोपों को झेलता रहा, उसका सच पाकिस्तान की संसद में स्वीकार किया गया: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के सच को पाकिस्तान की संसद में स्वीकार किया गया। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। प्रधानमंत्री ने इस आतंकी हमले का गलत इस्तेमाल करने के लिए कुछ राजनीतिक दलों की आलोचना भी की और कहा कि विवादों से दूर रह कर के वह सभी आरोपों को झेलते रहे और ‘‘भद्दी-भद्दी’’ बातें सुनते रहे।
मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी संसद में स्वीकार किया कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के लिये उनका देश जिम्मेदार है। इस हमले के बाद दोनों देश जंग के मुहाने पर खड़े हो गए थे। मोदी यहां देश के पहले गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
You are the officers who will be serving the country when it celebrates 100 years of Independence. From 2022, the 25 years ahead are very important for the country. You have a huge responsibility: PM Modi during virtual interaction with the Civil Services Probationers pic.twitter.com/sBFkZCQmci
— ANI (@ANI) October 31, 2020
मोदी ने कहा, ‘‘आज यहां जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था तो मन में एक और तस्वीर थी। यह तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे।’’ उन्होंने कहा कि जब पूरा देश पुलवामा हमले के बाद दुखी था कुछ लोग ‘‘स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति’’ कर रहे थे। मोदी ने कहा, ‘‘उस समय उन वीरों की तरफ देखते हुए मैं विवादों से दूर रह कर सारे आरोपों को मैं झेलता रहा। भद्दी-भद्दी बातें सुनता रहा। मेरे दिल पर वीर शहीदों का गहरा घाव था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकार किया गया है, उसने उन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं। पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।’’ प्रधानमंत्री ने इस प्रकार की राजनीति करने वाले दलों से आग्रह किया कि देश की सुरक्षा के हित में और सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए इस प्रकार की राजनीति ना करें।